लखनऊ।
लाइलाज बीमारी फाइलेरिया के बचाव के लिए यूपी प्रेस क्लब में सोमवार को एक शिविर का आयोजन किया गया। जहां 100 के अधिक संख्या में पत्रकारों व उनके परिजनों ने दवा खायी।

सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च के सहयोग से आयोजित शिविर का शुभारंभ यूपी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के अध्यक्ष हसीब सिद्दीकी ने दवा खाकर किया और कहा कि इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है। इससे बचाव का एकमात्र विकल्प फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन है। यूपी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के मंडल अध्यक्ष शिवशरण सिंह ने कहा कि मच्छर के काटने से होने वाली इस गंभीर बीमारी के लक्षण जैसे- हाइड्रोसील, हाथ-पैर व स्तन में सूजन आदि की समस्या हो सकती है। दवा का सेवन इस बीमारी से बचा सकता है। इसलिए बचाव के लिए जरूरी है कि मच्छरों के काटने से बचकर रहें। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें और पूरी बांह के  कपड़े पहनें। मच्छर रुके हुए गंदे पानी में पनपते हैं, इसलिए घर और आसपास साफ-सफाई का पूरा ख्याल रखें। इस मौके पर मौजूद स्वास्थ्यकर्मियों ने बताया कि यदि दवा खाने के बाद जी मिचलाना उल्टी जैसे समस्याएं होती है तो इसका मतलब है कि शरीर में फाइलेरिया के परजीवी थे और उनके मरने के परिणामस्वरूप यह प्रतिक्रिया होती हैं। यह अपने आप ठीक हो जाती हैं। इसके बाद भी यदि कोई दिक्कत होती है तो स्वास्थ्यकर्मी या रैपिड रिस्पांस टीम से संपर्क करना चाहिए। फाइलेरियारोधी दवा का सेवन एक वर्ष के बच्चों, गर्भवती और अति गंभीर बीमार को छोड़कर सभी को करना है।