‘द वैदिक फाउंडेशन’ के संस्थापक बद्री विशाल समाज से कुरीतियों को खत्म करने, विलुप्त हो रहे संस्कारो को जीवंत करने व देशी नस्ल की गौ-सेवा को बढ़ावा देने के लिए लखनऊ, वृंदावन, अयोध्या, दिल्ली समेत कई शहरों में मुहिम चला रहे है। इसी मुहीम के अंतर्गत संचालित सेवा योजनाओं के पुनः निर्धारण हेतु 24 फरवरी से प्रारम्भ हुई दो दिवसीय “विचार प्रतिवेदन गोष्ठी का लखनऊ स्थित ताज होटल में आज आयोजन हुआ। इस गोष्ठी में संस्था के अध्यक्ष पूज्य महराज श्री बद्री विशाल जी ने भविष्य की विभिन्न योजनाओ के सन्दर्भ में चर्चा की। महराज जी ने वैदिक सनातन संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए सभी को निर्देश दिए।

आपको बतादें की बचपन में दादी स्व जीरा देवी के साथ-साथ ठाकुर जी की पूजा पाठ और अपने दादा के पहनावे धोती कुर्ता से वह प्रभावित हुए। इसके बाद ठाकुर जी की पूजा की तरफ उनका झुकाव हुआ और अपने दादा के पहनावे को अपना लिया। समय के साथ यह धार्मिक तीर्थस्थलों का भ्रमण करने लगे और इनका झुकाव साधु संत की तरफ हो गया। इतना ही नहीं महाराज बद्री विशाल ने कई शहरों में प्रभातफेरी निकाली, जिसमें देश सहित विदेशों से भी कई नामचीन हस्तियों ने भाग लिया था। उनके सानिध्य में देश के कई नामचीन हस्ती व संत जुड़े हैं।

इस मौके पर संस्था के सचिव आशीष चौहान, कोलकाता से अरिंदम, दिल्ली से पधारे स्नेह कमल सेठ ने भी अपने अपने विचारों को रखा।