दिल्ली:
एनडीए उम्मीदवार जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति के चुनाव में भारी मतों से जीत दर्ज की है. उन्होंने विपक्ष की संयुक्त उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को भारी मतों से हराया है. धनखड़ को 528 वोट मिले, जबकि अल्वा को 182 वोट प्राप्त हुए. वहीं, 15 वोटों को रद्द कर दिया गया. जगदीप धनखड़ 11 अगस्त को शपथ लेंगे. उपराष्ट्रपति चुनाव में 780 सांसदों में से 725 ने मतदान किया.

दरअसल, संसद के दोनों सदनों को मिलाकर कुल सदस्यों की संख्या 788 होती है, जिनमें से उच्च सदन की आठ सीट फिलहाल खाली है. ऐसे में उपराष्ट्रपति चुनाव में 780 सांसद वोट डालने के लिए पात्र थे. वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, तृणमूल कांग्रेस के 36 सांसदों में केवल 2 सांसदों ने वोट डाले जबकि 34 सांसदों ने वोट नहीं डाले. दरअसल, तृणमूल कांग्रेस ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि वह मतदान से दूर रहेगी. उसके दोनों सदनों को मिलाकर कुल 39 सांसद हैं.

71 वर्षीय धनखड़ एक प्रसिद्ध वकील रहे हैं. उन्होंने ने राजस्थान उच्च न्यायालय और देश के उच्चतम न्यायालय दोनों में वकालत की है. धनखड़ राजस्थान में जाट समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का दर्जा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार के नाम की घोषणा करते हुए भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कहा था कि धनखड़ लगभग तीन दशकों से सार्वजनिक जीवन में हैं. साथ ही, उन्होंने जाट नेता को ‘किसान पुत्र’ करार दिया था.

धनखड़ 1989 के लोकसभा चुनाव में झुंझुनू से सांसद चुने जाने के बाद उन्होंने 1990 में संसदीय मामलों के राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया. वह वीपी सिंह और चंद्रशेखर की सरकार में मंत्री भी रहे. 1991 में धनखड़ जनता दल छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए. वहीं, 1993 में वह अजमेर के किशनगढ़ से विधायक बने. इसके बाद 2003 में वह कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए. जुलाई 2019 में धनखड़ को पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त किया गया था और तब से राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आलोचना करने को लेकर वह अक्सर सुर्खियों में रहे हैं.

झुंझुनू जिले के एक किसान परिवार में जन्मे धनखड़ ने अपनी स्कूली शिक्षा सैनिक स्कूल, चित्तौड़गढ़ से पूरी की. भौतिकी में स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय से एलएलबी की उपाधि ली. धनखड़ को एक खेल प्रेमी के रूप में भी जाना जाता है और वह राजस्थान ओलंपिक संघ और राजस्थान टेनिस संघ के अध्यक्ष रह चुके हैं.