लखनऊ:
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि खाद्य प्रसंस्करण, कृषि एवं उद्योग के मध्य एक महत्वपूर्ण कड़ी है। खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के माध्यम से किसानों की उपज का लाभकारी उपयोग किया जा सकता है। खाद्य प्रसंस्करण के माध्यम से किसानों की उपज का मूल्य संवर्धन करने से कृषकों की आय बढ़ेगी। साथ ही, कृषि उपज का शत-प्रतिशत इस्तेमाल भी सुनिश्चित होगा। राज्य में खाद्यान्न निर्यात की अनन्त सम्भावनाएं हैं। अन्नदाता किसानों की आमदनी को कई गुना बढ़ाने के लिए हमें प्रसंस्कृत खाद्यान्न के निर्यात को बढ़ाना होगा। राज्य सरकार उत्तर प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कृतसंकल्पित है।

मुख्यमंत्री आज यहां इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में कृषि आधारित एम0एस0एम0ई0 उद्यमी महासम्मेलन में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। यह उद्यमी महासम्मेलन इण्डियन इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम (एम0एस0एम0ई0) विभाग तथा निर्यात प्रोत्साहन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2022 में प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए कुछ नये कदम उठाने जा रही है। मण्डी शुल्क, एक्सपोर्ट सब्सिडी तथा मुम्बई पोर्ट तक सामान ले जाने की सुविधा जैसे बिन्दुओं पर प्रदेश सरकार विचार कर रही है। श्रम एवं पर्यावरण से सम्बन्धित मामलों के निराकरण हेतु कृषि उत्पादन आयुक्त के नेतृत्व में एक कमेटी गठित की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की प्रेरणा एवं मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार ने किसानों के हित में ‘बीज से लेकर बाजार तक’ प्रत्येक क्षेत्र में निरन्तर प्रभावी कदम उठाए हैं। राज्य सरकार के प्रयासों तथा प्रदेश के किसानों के परिश्रम और पुरुषार्थ से उत्तर प्रदेश खाद्यान्न के मामले में न केवल आत्मनिर्भर हुआ, बल्कि सरप्लस खाद्यान्न उत्पादन करने वाला राज्य है। उत्तर प्रदेश अपनी खाद्यान्न आवश्यकताओं को पूरा करते हुए देश की आवश्यकताओं को भी पूरा कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश कृषि आधारित अर्थव्यवस्था वाला राज्य है। देश में सर्वाधिक किसान उत्तर प्रदेश में हैं और यहां की भूमि सर्वाधिक उर्वरा है। देश की कुल कृषि योग्य भूमि के सापेक्ष उत्तर प्रदेश की कृषि योग्य भूमि लगभग 12 प्रतिशत है, किन्तु खाद्यान्न उत्पादन में राज्य का योगदान 20 प्रतिशत से अधिक है। वर्तमान में गेहूं, गन्ना, आम, आलू, दूध सहित अनेक खाद्य उत्पादों के उत्पादन में प्रदेश का देश में प्रथम स्थान है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को 05 ट्रिलियन यू0एस0 डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के प्रधानमंत्री जी के संकल्प को पूरा करने के लिए राज्य सरकार ने प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 01 ट्रिलियन यू0एस0 डॉलर बनाने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए प्रदेश सरकार निरन्तर कार्य कर रही है। उत्तर प्रदेश अनन्त सम्भावनाओं का प्रदेश है। वर्ष 2017 से पूर्व उद्यमियों के लिए प्रदेश में उपयुक्त माहौल नहीं था। उद्यमी अन्यत्र निवेश की सम्भावनाओं को तलाश रहे थे। प्रदेश का एम0एस0एम0ई0 सेक्टर बंदप्राय हो गया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 के बाद प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहतर हुई है। राज्य सरकार ने अपराध एवं अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए कार्य किया है। प्रदेश में संगठित अपराध लगभग शून्य हो गया है। परिणामस्वरूप उद्यमियों सहित सभी लोगों के लिए सुरक्षा, सुव्यवस्था एवं विकास का वातावरण निर्मित हुआ है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य की आधारभूत अवसंरचना को लगातार विकसित किया है। वर्तमान में प्रदेश के सभी जनपदों में समान रूप से निर्बाध विद्युत आपूर्ति की जा रही है। जनपद मुख्यालयों में 23-24 घण्टे, तहसील स्तर पर 18-20 घण्टे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 16-18 घण्टे विद्युत आपूर्ति की कार्यवाही की जा रही है। राज्य के लगभग 01 लाख 21 हजार से अधिक गांवों तक विद्युत इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित किया है। विद्युत उत्पादन के नये संयंत्र स्थापित किए गए हैं। नये विद्युत सबस्टेशनों की स्थापना की गयी है। ग्रामीण एवं शहरी फीडर को अलग किया गया है तथा आवासीय एवं कृषि फीडर को भी अलग-अलग करने की कार्यवाही को तेजी से आगे बढ़ाया गया है। प्रदेश में उद्यम लगाने वाले उद्यमी को राज्य सरकार ने ओपेन एक्सेस की सुविधा प्रदान की है। इस प्रकार राज्य सरकार ने निवेशकों के लिए सुरक्षा के साथ-साथ इन्फ्रास्ट्रक्चर को भी विकसित किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार आगामी फरवरी, 2023 में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन करने जा रही है। प्रदेश में उद्यमी अधिक से अधिक निवेश लाकर राज्य के विकास में अपनी महत्वपूर्ण और सक्रिय भागीदारी का निर्वहन करें तथा राज्य की सामर्थ्य का लाभ प्राप्त करें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने निवेशकों और उद्यमियों के लिये निवेश और उद्यमिता को सहज, सरल और आकर्षक बनाने के लिए 25 से अधिक सेक्टरवार नीतियां लागू की हैं। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश की नई औद्योगिक नीति कैबिनेट ने मंजूर की है। उत्तर प्रदेश औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2022 से 2027 तक लागू रहेगी।


मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भू-उपयोग के परिवर्तन की प्रक्रिया को सरल किया जाए। किसी भी क्षेत्र के उद्यमी को किसी भी प्रकार की समस्या न होने पाए। प्रदेश में उद्यमी ने तय मानकों के अनुरूप किसी भी पॉलिसी के अन्तर्गत उद्यम लगाया है तो उसे दिए जाने वाले इंसेंटिव को समय से उपलब्ध कराया जाए।