टीम इंस्टेंटखबर
हरिद्वार में पिछले दिनों आयोजित धर्म संसद में एक विशेष समुदाय के खिलाफ हिंसात्मक भाषणों का मामला अब उभरता जा रहा हैं. धर्म संसद में अल्पसंख्यकों के एक विशेष समुदाय के खिलाफ मारने काटने वाले भाषणों की वीडियो वायरल होने के बाद भी पुलिस प्रशासन के खामोश रहने पर लगातार सवाल उठने लगे. विपक्षी पार्टियों ने उत्तराखंड और केंद्र की मोदी सरकार को घेरना शुरू। अब जानकारी मिली है कि इस मामले में एक केस जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ़ वसीम रिज़वी और अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. उत्तराखंड पुलिस ने यह जानकारी दी.

उत्तराखंड पुलिस ने ट्वीट कर बताया कि सोशल मीडिया पर धर्म विशेष के खिलाफ भड़काऊ भाषण देकर नफरत फैलाने संबंधी वायरल हो रहे वीडियो पर संज्ञान लेते हुए जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी और अन्य के खिलाफ कोतवाली हरिद्वार में धारा 153A IPC के अंतर्गत केस दर्ज किया गया है.

उधर, इस मामले में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने गृह मंत्री अमित शाह और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर हरिद्वार के धर्म संसद के संचालकों और वक्ताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि यहां जो हो रहा है वह देश में शांति व्यवस्था और सांप्रदायिक सद्भाव के लिए बड़ा खतरा है. इसलिए मेरी मांग है कि आयोजकों और वक्ताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. कार्यक्रम में कई वक्ताओं ने भड़काऊ और नफरत भरे भाषण दिए.