लखनऊ: असम की हेमंत बिस्वा सरमा के बाद यूपी के मुख्यमंत्री भी दो बच्चों की नीति लागू करने की योजना बना रहे हैं. इस बारे में राज्य विधि आयोग ने जनसंख्या नियंत्रण के कानून का मसौदा बनाना शुरू कर दिया है. गौरतलब है कि असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार को ही राज्य के अल्पसंख्यक मुस्लिम लोगों से जनसंख्या नियंत्रण के लिए परिवार नियोजन नीति अपनाने की अपील की.

अन्य राज्यों के कानूनों का अध्ययन शुरू
उत्तर प्रदेश में इस नए कानून को बनाने के लिए आयोग ने अन्य राज्यों में लागू कानून का अध्ययन करना भी शुरू दिया है. जल्द आयोग इसका मसौदा (रिपोर्ट) तैयार कर सरकार को सौंपेगा. जनसंख्या नियंत्रण पर कानून बनने के बाद उत्तर प्रदेश में अब 2 से अधिक बच्चों के माता-पिता को आने वाले समय में सरकारी सुविधाओं और सब्सिडी से वंचित होना पड़ सकता है. बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग ने जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून बनाना शुरू कर दिया है.

अगले दो महीने में आ सकती है रिपोर्ट
माना जा रहा है कि विधि आयोग अगले 2 महीने में अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप देगा. आयोग ने मध्य प्रदेश, राजस्थान समेत अन्य राज्यों में लागू कानूनों का अध्ययन करना शुरू कर दिया है. मिल रही जानकारी के अनुसार इस नए कानून से दो से अधिक बच्चे के माता-पिता को सरकारी सुविधाओं या मिलने वाली सब्सिडी में कटौती पर विचार किया जा रहा है.

धर्म विशेष से ताल्लुक नहीं
आयोग बढ़ती जनसंख्या से पैदा हो रही बेरोजगारी व सरकारी योजनाओं का लाभ मिलने में आ रही समस्याओं का भी अध्ययन कर रहा है, ताकि कानून बनाकर सख्ती की जाए. राज्य विधि आयोग के अध्यक्ष आदित्यनाथ मित्तल की माने तो जनसंख्या नियंत्रण परिवार नियोजन से अलग है, यह किसी धर्म विशेष या मानवाधिकारों के खिलाफ नहीं है.

योगदान देने वालों को मिलें सुविधाएँ
इस कानून से बस कोशिश है कि सरकारी संसाधन और सुविधाएं उन लोगों को जरूर उपलब्ध हो जो जनसंख्या नियंत्रण में मदद कर रहे हैं योगदान दे रहे हैं. राज्य विधि आयोग कई बिंदुओं पर विचार कर इस कानून का मसौदा तैयार कर रहा है. मसौदा तैयार होने के बाद राज्य सरकार को सौंपा जाएगा.