लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने हाथरस मामले में पीड़िता के परिवारीजनों के साथ डीजीपी व अन्य सभी अधिकारियों से जानकारी लेते हुए उनके बयानों को रिकार्ड पर लिया। राज्य सरकार की ओर से जवाब पेश किया गया। अदालत ने अगली सुनवाई 2 नवम्बर को तय की है। अदालत ने कहा कि अगली सुनवाई पर एडीजी ला एन्ड ऑर्डर व विशेष सचिव स्तर का अधिकारी अदालत में उपस्थित होगा। यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज मिथल व न्यायमूर्ति राजन राय की पीठ ने स्वतः संज्ञान वाली याचिका पर दिए हैं।
लखनऊ पीठ ने स्वतः लिया था संज्ञान
ज्ञात हो कि इस मामले में एक अक्टूबर को हाईकोर्ट लखनऊ पीठ ने स्वतः संज्ञान लेते हुए सम्बधित दस्तावेजों सहित वरिष्ठ अधिकारियों को 12 अक्टूबर को पेश होने के आदेश दिए थे। पूर्व आदेश के पालन में अधिकारी व पीड़िता के परिवारीजन अदालत में उपस्थित हुए। इस मामले में गत एक अक्टूबर को कोर्ट ने प्रदेश सरकार के शीर्ष अधिकारियों और हाथरस के डीएम व एसपी को नोटिस जारी किया था। कोर्ट ने पीड़िता के साथ हाथरस पुलिस के कथित बर्बर, क्रूर और अमानवीय व्यवहार पर राज्य सरकार से भी प्रतिक्रिया मांगी थी। न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की खंडपीठ ने गत एक अक्टूबर को इस मुद्दे का स्वत: संज्ञान लेते हुए आदेश जारी किए थे।
जताई थी गंभीर चिंता
अदालत ने हाथरस की घटना पर बहुत सख्त निर्देश देते हुए हाथरस पुलिस और प्रशासन के कृत्य पर गंभीर चिंता भी व्यक्त की थी और इस घटना पर राज्य सरकार से भी प्रतिक्रिया मांगी थी। इसके साथ ही प्रमुख सचिव गृह, डीजीपी, एडीजी कानून-व्यवस्था, हाथरस डीएम और एसपी को नोटिस जारी कर उन्हें अगली सुनवाई पर तलब किया गया था।
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