टीम इंस्टेंटखबर
पाटीदार आरक्षण आंदोलन से उभरे हार्दिक पटेल ने आज उम्मीद के मुताबिक कांग्रेस पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया है, सोनिया गाँधी को भेजे अपने पत्र में उन्होंने आरोपों की झड़ी लगा दी है. उनके इस्तीफे पर अब कांग्रेस की प्रतिक्रिया भी आ गयी है.

गुजरात कांग्रेस के प्रभारी रघु शर्मा ने कहा है कि नरेश पटेल के कांग्रेस में शामिल होने की चर्चा से हार्दिक पटेल राजनीतिक रूप से असुरक्षित महसूस कर रहे थे जबकि काफी कम उम्र में पार्टी ने उन्हें प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष बना कर बड़ी जिम्मेदारी दी थी.

वहीं गुजरात से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि गुजरात में हार के डर से बीजेपी ने हार्दिक पटेल का इस्तीफा करवाया है. गोहिल ने हार्दिक से सवाल पूछा कि पाटीदार आंदोलन के दौरान उनके द्वारा रखी गई कोई भी मांग पूरी नहीं हुई फिर किस निजी स्वार्थ की वजह से वे बीजेपी में जा रहे हैं?

हार्दिक के इन आरोपों को रघु शर्मा ने अवसरवादिता बताया. उन्होंने कहा कि हार्दिक पटेल काफी समय से बीजेपी के संपर्क में थे और उनकी मदद से उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज मामले वापस करवाए और अब उन्हीं के इशारे पर कांग्रेस के खिलाफ आरोप लगा रहे हैं.

गुजरात विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल का पार्टी छोड़ना कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. 2015 में पाटीदार आरक्षण आंदोलन से चर्चा में आए हार्दिक पटेल ने बीजेपी सरकार की नींद हराम कर दी थी. उनपर कई मुकदमे भी दर्ज हुए. करीब तीन साल पहले उन्होंने कांग्रेस का दामन थामा था.

उन्हें राज्य में पार्टी का भविष्य माना जा रहा था लेकिन बीते कुछ समय से हार्दिक कांग्रेस से नाराज चल रहे थे. हार्दिक के जाने के बाद देखना होगा कि कांग्रेस बड़े पाटीदार नेता नरेश पटेल को कब तक पार्टी में शामिल करवाती है! हाल में रघु शर्मा ने बयान दिया था कि नरेश पटेल कांग्रेस के संपर्क में हैं.