• सीएमओ ने बच्ची के परिजनों को रेफर के कागजात सौंपे
  • एएलएस एंबुलेंस से बच्ची को लेकर परिजन अलीगढ़ रवाना हुए
  • दिल की गंभीर बीमारी से जूझ रही है एक साल की जायसा

हमीरपुर ब्यूरो
दिल की गंभीर बीमारी के साथ दुनिया में आंख खोलने वाली नन्ही जायसा को मंगलवार को इलाज के लिए एडवांस लाइफ सपोर्ट (एएलएस) एम्बुलेंस से मेडिकल कॉलेज अलीगढ़ रवाना किया गया। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) की टीम ने बच्ची के इलाज की जिम्मेदारी उठाई है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.एके रावत ने बच्ची के परिजनों को रेफर के कागजात सौंपते हुए उसके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।

मौदहा कस्बे के हुसैनगंज मोहल्ला निवासी सद्दाम की पत्नी नाजिस परवीन ने नवंबर 2020 में बच्ची को जन्म दिया । यह उनकी पहली संतान थी। घर में खुशियां थीं और हर कोई बधाई दे रहा था, लेकिन जन्म के कुछ दिन बाद पता चला कि जायसा दिल की गंभीर बीमारी से ग्रसित है। बच्ची का अचानक ऑक्सीजन लेवल नीचे गिर जाता है, जिससे उसे सांस लेने में तकलीफ होती है और नाखूनों का रंग नीला होने लगता है। यह स्थिति जैसे ही उत्पन्न होती है, वैसे ही परिजन उसे लेकर अस्पताल भागते हैं। ऑक्सीजन लगाने के कुछ देर बाद बच्ची की हालत स्थिर हो जाती है। बच्ची का उपचार छत्तीसगढ़ के साथ ही लखनऊ में कराया गया । जहां डॉक्टरों ने ऑपरेशन कराने की सलाह दी।

आरबीएसके से होगी दिल की नि:शुल्क सर्जरी
नाजिस ने बताया कि एक दिन मौदहा सीएचसी में ही आरबीएसके टीम से उनकी भेंट हुई। तब जाकर पता चला कि उनकी बच्ची की आरबीएसके के माध्यम से नि:शुल्क सर्जरी हो जाएगी। टीम ने बच्ची की रिपोर्टे अलीगढ़ भेजी, जहां से हरी झंडी मिलने के बाद आज बच्ची को एएलएस एंबुलेंस से अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज के लिए रवाना कर दिया गया।

स्वास्थ्य अधिकारियों ने भी की स्वस्थ होने की कामना
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.एके रावत ने बच्ची की मां और उसके रेफर संबंधी समस्त कागजात और जांचों की रिपोर्ट सौंपी और उसके स्वस्थ होने की कामना की। इस दौरान एसीएमओ डॉ.आरके यादव, डॉ.महेशचंद्रा, डॉ.पीके सिंह, डॉ.अनूप निगम, एमओआईसी मौदहा डॉ.एके सचान, आरबीएसके के डीईआईसी मैनेजर गौरीश राज पाल, मौदहा आरबीएसके टीम के डॉ.आशीष सचान आप्टोमेट्रिस्ट, डॉ.रजत रंजन तिवारी, मातृ स्वास्थ्य कार्यक्रम के समन्वयक दीपक यादव आदि मौजूद रहे।

अलीगढ़ में इलाज की संभावनाएं
आरबीएसके के डीईआईसी मैनेजर गौरीश राज पाल ने बताया कि जायसा दिल के गंभीर विकार से ग्रसित है और अलीगढ़ में ही उपचार की संभावनाए हैं। प्रयास किया जा रहा है कि उसका जल्द से जल्द ऑपरेशन हो जाए।

बच्ची के वॉल्ब में सुराख
प्रभारी चिकित्सा अधिकारी (एमओआईसी) डॉ.अनिल सचान ने बताया कि नाजिस परवीन का सीएचसी मौदहा में ही प्रसव हुआ था । बच्ची जन्मजात दिल की बीमारी से ग्रसित है। उसके वॉल्ब में सुराख है। मामला जटिल भी है। जांच रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हुई है। बच्ची का उपचार अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज में संभव है।

क्या है आरबीएसके
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) शून्य से 19 साल तक के बच्चों के इलाज के लिए काम करता है। चार डी यानी चार तरह के जन्मजात विकार (डिफेक्ट) सहित कुल 44 बीमारियों के लिए परामर्श के साथ इलाज एकदम मुफ्त होता है। इसमें हृदय रोग, जन्मजात बहरापन, मोतियाबिंद, कटे होंठ-तालू, टेढ़े पैर, एनीमिया, दांत टेढ़े-मेढ़े होना, बिहैवियर डिसआर्डर, लर्निंग डिसआर्डर, डाउन सिंड्रोम, हाइड्रो सिफलिस, स्किन रोग अन्य सामान्य बीमारियां प्रमुख हैं। आरबीएसके इन बीमारियों से चिन्हित बच्चों का नि:शुल्क इलाज, ऑपरेशन, प्राथमिक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेज व उच्चतम इलाज के लिए कानपुर, झांसी, अलीगढ़ और बांदा में कराता है।