प्रयागराज:
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा की मांग वाली याचिका को सुनवाई योग्य मानते हुए मुस्लिम पक्ष की आपत्ति खारिज कर दी है। ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने पांच महिलाओं द्वारा पूजा की अनुमति देने से जुड़ी याचिका के विरोध में याचिका दायर की थी।

उच्च न्यायालय के फैसले के बाद इलाहाबाद उच्च न्यायालय में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील हरि शंकर जैन ने कहा कि मुझे आशा है कि वह दिन दूर नहीं जब हम वहां एक भव्य शिव मंदिर का निर्माण करेंगे और वर्तमान ढांचे को हटा दिया जाएगा। हरि शंकर जैन ने कहा कि वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर पूजा करने का अधिकार मिलना चाहिए।

इलाहाबाद हाईकोर्ट में अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस जे जे मुनीर की सिंगल बेंच ने यह फैसला सुनाया। अब इस मामले की सुनवाई वाराणसी जिला अदालत में होगी। राखी सिंह समेत 9 अन्य ने वाराणसी की अदालत में याचिका दायर करते हुए शृंगार गौरी की नियमित पूजा की मांग की थी। बहस पूरी होने के बाद कोर्ट ने 23 दिसंबर 2022 को फैसला सुरक्षित रख लिया था।

इस मामले में अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने पहले वाराणसी कोर्ट में अपील की थी। जिला अदालत से याचिका खारिज होने के बाद मुस्लिम पक्ष इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचा था। मुस्लिम पक्ष ने 991 के प्लेसिस ऑफ वर्शिप एक्ट का हवाला देते हुए आपत्ति जताई थी। बता दें कि ज्ञानवापी परिसर में श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा की मांग की जारी है लेकिन फिलहाल महिलाओं को चैत्र और वासंतिक नवरात्र के चौथे दिन श्रृंगार गौरी की पूजा की इजाजत मिली हुई है।