लखनऊ:
बलरामपुर गार्डन अशोक मार्ग में चल रहा उन्नीसवें राष्ट्रीय पुस्तक मेले में किताबें युवा पुस्तक प्रेमियों को ही नहीं महिलाओं, प्रौढ़ और बुजुर्गों सभी को ही अपनी ओर खींच रही हैं। अध्यात्म से जुड़ी किताबांं की ज्ञानगंगा यहां बह रही है। मेले में जिंदगी की कश्मकश को सुलझाने की राह दिखाने, नये संदेश वाली किताबों का अथाह भण्डार है।

मेले का आज पांचवां दिन था और यहां खुले मौसम में पुस्तक प्रेमियों की भीड़ सुबह से ही उमड़ने लगी थी। हर घर पुस्तकालय मुहिम के तहत इस मेले में हर पुस्तक पर कम से कम 10 प्रतिशत छूट दी जा रही है। मेला पुस्तक प्रेमियों के लिए गांधी जयंती तक प्रतिदिन प्रातः 11 से रात नौ बजे तक चलेगा।

मेले में सम्यक प्रकाशन के स्टाल पर बौद्ध साहित्य विभिन्न दृष्टिकोणों वाली पुस्तकों में उपलब्ध है तो कबीर और संत रैदास पर भी अद्भुत किताबें हैं।डा.अम्बेडकर के लिखे और उनपर लिखे गयी किताबों का भी भण्डार है यहां। खरीदारों द्वारा पसंद की जा रही भागीरथ की लिखी महानता के मानक डा.अम्बेडकर डा.लोहिया जैसी किताब एक उदाहरण है। रामकृष्ण मठ के स्टाल पर मां सारदा, रामकृष्ण परमहंस और स्वामी विवेकानंद का साहित्य हमेशा की तरह पसंद किया जा रहा है। स्वामी विवेकानंद की यहां बड़ी तादाद में उपलब्ध पुस्तकें यहां युवाओं को प्रेरित कर रही हैं। राजपाल एंड संस के स्टाल पर सीता के पांच निर्णय, विष्णु के सात रहस्य, शिव के सात रहस्य जैसी अध्यात्मिक विश्लेषण वाली अनेक पुस्तकें ध्यान खींच रही हैं। गायत्री ज्ञान मंदिर के स्टाल में वेद, उपनिषद इत्यादि के संग आचार्य श्रीराम शर्मा की पांच रुपये से लेकर हर मूल्य वर्ग में सैकड़ों किताबें पसंद की जा रही हैं। इसके अलावा कबीर ज्ञान प्रकाशन केन्द्र, संस्कृत संस्थान, गुडवर्ड बुक्स, आर्य प्रतिनिधि सभा के संग अन्य बहुत से स्टालों पर आध्यात्मिक विषयों की विवेचनात्मक पुस्तकों का भण्डार है। मेले का एक विशिष्ट आकर्षण 6 फीट ऊंची 54 किलो और 36 पेज की अहमदाबाद के अपूर्व शाह की किताब ’राम एक आस्था का मंदिर’ है। इस किताब को उन्होंने लंबे रिसर्च के बाद तैयार किया है। इसका छोटा संस्करण को लोगों को खूब भा रहा है।

मेले के साहित्यिक मंच पर प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित संजीव जायसवाल ’संजय’ के व्यंग्य कथा संग्रह ’यत्र-तत्र सर्वत्र’ के लोकार्पण अवसर पर लेखक ने कहा कि संग्रह की कहानियां पाठकों को उद्वेलित व आकोशित करने के साथ-साथ भ्रष्टाचार के उन्मूलन हेतु कमर कसने के लिए प्रेरित भी करेगीं। नूतन वशिष्ठ का मानना थी कि संग्रह की कहानियों के माध्यम से उन्होंने सफेदपोशों को बेनकाब करने का प्रयास किया है। मुख्यअतिथि सर्वेश अस्थाना ने कहा समसामयिक परिस्थितियों का इतनी सहज व सरस भाषा में व्यंग्योक्तियों के साथ लेखन विरले ही कर पाते हैं। अध्यक्षता कर रहे सुधाकर अदीब ने पुस्तक के आवरण की चर्चा करते हुए कहा कि से लेकर उसके भीतर सन्निहित कहानियां आज के देशव्यापी संदर्भ पर करारा प्रहार करती हैं। संचालन कर रहे नवीन शुक्ल ’नवीन’ ने यहां अमिता दुबे का आलेख भी पढ़ा। राजकमल प्रकाशन की ओर से विलक्षण वैज्ञानिक स्टीफेन हाकिंग पर लिखी चन्द्रमणि सिंह कि किताब पर लेखक के संग प्रो.एमके पाण्डेय और प्रो.एके सिंह ने श्रोताओं के बीच विभिन्न पहुलुओं पर चर्चा की। इससे पहले दौलतदेवी स्मृति संस्थान समारोह में डा.नीमा पंत, बेअदब लखनवी आदि ने विचार रखे और प्रतिभाओं को के सजग प्रहरी सम्मान से नवाजा गया। विकास दृष्टि की ओर से कवि सम्मेलन में काव्यरस की वर्षा मेले के समापन ता जारी रही।

मेले में मीनू किचन के स्टाल पर लोग घर जैसे बने पारंपरिक व्यंजनों का भी आनंद ले रहे हैं। यहां कल शाम शहीदे आजम भगत सिंह की जयंती पर शाम चार बजे से कार्यक्रम भी किया जायेगा। मेले के सहयोगी रेडियोसिटी, ओरिजिंस, किरण फाउंडेशन, ज्वाइन हैंड्स फाउंडेशन, ऑप्टीकुंभ, रेट्रोबी, सिटी एसेंस और ट्रेड मित्र पत्रिका हैं।