नई दिल्ली: देश के कई बड़े औद्योगिक घरानों ने कोरोना के इस संकट में आगे आकर बड़ी मदद की है। कंपनियों ने अपने सीएसआर यानी कॉरपोरेट सोशल रेस्पॉन्सिबिलिटी फंड के जरिए अहम योगदान दिया है। मार्च से लेकर मई तक की अवधि में 84 कंपनियों ने 7,537 करोड़ रुपए का योगदान दिया है। इस योगदान को कंपनियों के सीएसआर के तहत माना जाएगा। इस रकम में से 4,316 करोड़ रुपये का योगदान PM Cares Fund में किया गया है। कुल 113 कंपनियों ने कोरोना संकट में मदद के लिए योगदान दिया है, जिनमें से 84 ने सीएसआर फंड के जरिए सहयोग किया है।


इसके अलावा बकाया 3,221 करोड़ रुपए की रकम कोरोना राहत कार्य से जुड़े अन्य कामों में खर्च की गई है। CRISIL की रिपोर्ट के मुताबिक कॉन्ट्रिब्यूशन देने वाली 84 कंपनियों में सबसे ज्यादा 36 कंपनियां महाराष्ट्र की हैं। इन कंपनियों ने कोरोना राहत कार्य पर 4,728 करोड़ रुपये की रकम खर्च की है, जो कुल योगदान के 63 फीसदी के बराबर है।


इसके बाद योगदान में दूसरे नंबर पर दिल्ली की कंपनियां हैं, जिन्होंने 17 प्रतिशत का योगदान दिया है। हालांकि पीएम नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात की कंपनियों ने महज 7 पर्सेंट का ही योगदान दिया है। क्रिसिल रिपोर्ट के अनुसार खर्च करने वाली 84 कंपनियों में से 56 निजी क्षेत्र की हैं और कुल 7,537 करोड़ रुपए के योगदान में उनकी हिस्सेदारी दो तिहाई है। वहीं 24 कपनियां सार्वजनिक क्षेत्र की हैं और उनकी हिस्सेदारी 30 प्रतिशत रही। सात विदेशी कंपनिंयों ने भी कोरोना के संकट में अपने सीएसआर फंड के जरिए योगदान किया है।

बता दें कि पीएम केयर्स फंड में जमा राशि में से 3,100 करोड़ रुपये की रकम केंद्र सरकार ने वेंटिलेटर की खरीद, प्रवासी मजदूरों की मदद और दवा के विकास के लिए रिलीज की गई है। इस रकम में से 2,000 करोड़ रुपए वेंटिलेटर की खरीद के लिए दिए गए हैं। इसके अलावा 1,000 करोड़ रुपए प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए तथा 100 करोड़ रुपए की मदद टीका विकास के लिए जारी किए गए हैं।