महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश की सरकार ने आधार कार्ड को जन्म प्रमाण पत्र के रूप में मान्यता देने पर रोक लगा दी है। सरकारी नोटिस के अनुसार, जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) अधिनियम, 2023 के बाद केवल आधार कार्ड के माध्यम से बनाए गए सभी जन्म प्रमाण पत्र रद्द कर दिए जाएँगे। यूपी में प्लानिंग डिपार्टमेंट और महाराष्ट्र में स्टेट रेवेन्यू डिपार्टमेंट ने शुक्रवार को ऑर्डर जारी करके साफ किया कि आधार कार्ड सिर्फ पहचान के डॉक्यूमेंट के तौर पर वैलिड होंगे, जन्म के सबूत के तौर पर नहीं।

उत्तर प्रदेश प्लानिंग डिपार्टमेंट ने कहा कि वह आधार कार्ड को बर्थ सर्टिफिकेट या जन्म की तारीख के सबूत के तौर पर नहीं मानेगा। प्लानिंग डिपार्टमेंट के स्पेशल सेक्रेटरी अमित सिंह बंसल ने सभी डिपार्टमेंट को भेजे ऑर्डर में कहा, “आधार कार्ड के साथ कोई बर्थ सर्टिफिकेट नहीं जुड़ा होता है; इसलिए इसे बर्थ सर्टिफिकेट नहीं माना जा सकता।”

महाराष्ट्र में, स्टेट रेवेन्यू डिपार्टमेंट ने एक कदम और आगे बढ़कर कहा कि अगस्त 2023 के एक्ट में बदलाव के बाद सिर्फ आधार कार्ड से बने सभी बर्थ सर्टिफिकेट कैंसल कर दिए जाएंगे। सरकार ने कहा कि राज्य में देरी से बर्थ सर्टिफिकेट बनवाने के लिए आधार कार्ड को डॉक्यूमेंट नहीं माना जाएगा।

ऑर्डर में कहा गया, “सरकार ने यह फैसला गैर-कानूनी कामों के लिए इस्तेमाल हो रहे नकली बर्थ सर्टिफिकेट और डेथ सर्टिफिकेट को रोकने के लिए लिया है।” रेवेन्यू मिनिस्टर चंद्रशेखर बावनकुले ने आधार कार्ड का इस्तेमाल करके जारी किए गए सभी संदिग्ध सर्टिफिकेट कैंसिल करने का ऑर्डर दिया है।