बैंको के निजीकरण करने के विरोध व पुरानी पेंशन बहाल करने हेतु दो दिवसीय देशव्यापी बैंक हड़ताल

लखनऊ। बैंक कर्मियों के संगठन ऑल इंडिया बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन तथा ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन ने सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंको को निजीकरण करने की केन्द्र सरकार के प्रयासों के विरोध तथा पुरानी पेंशन बहाल करने हेतु दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल का आवाह्न किया है जिसके पहले दिन हड़ताली बैंक कर्मियों ने अपने-अपने मंडलीय, क्षेत्रीय कार्यालय तथा अपनी शाखा के सम्मुख प्रर्दशन एवं सभा की।

इंडियन बैंक हजरतगंज शाखा के समक्ष प्रदर्शन में यू.पी.बैंक इम्पलाइज यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष काम0 दीप बाजपेई ने बताया कि दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल बैंकों का निजीकरण रोकने, पुरानी पेंशन बहाल करने, एनपीए वसूली शुरू कराने, जमा राशि पर ब्याज बढ़ाने, ग्राहकों पर उच्च सेवा शुल्क पर रोक लगाने, नई भर्तियां करने, आउटसोर्सिंग बंद कराने आदि मांगों के लिए की जा रही है। इस अवसर पर अनेक बैंक कर्मी नेताओं ने सभा को संबोधित करते हुए मांगों के बारे में विस्तृत चर्चा की।

काम0 दीप बाजपेई ने रोष में कहा- सरकार जनता की गाढ़ी कमाई, पूॅजीपतियों के हितों के लिये, बैंको का निजीकरण करके उन्हें सौंपना चाह रही है। यह जनता के साथ धोखाधड़ी है। बैंककर्मी तथा आम जनता हरहाल में सरकार को निजीकरण करने से रोकेंगे।
 
आज की बैंक हड़ताल में मुख्य रूप से इंडियन बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, यूनियन बैंक,सेंट्रल बैंक, केनरा बैंक, नैनीताल बैंक, फेडरल बैंक, ग्रामीण बैंक शामिल रहे तथा पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया आदि बैंकों में संगठन के कम सदस्य होने के कारण कोई प्रभाव नहीं पड़ा वहीं दूसरी ओर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक आदि बैंकों ने हड़ताल से दूरी बनाकर रखी।

मीडिया प्रभारी अनिल तिवारी ने बताया कि आज की हड़ताल से लखनऊ में लगभग 45 करोड़ तथा प्रदेश में 500 करोड़ का लेनदेन प्रभावित रहा। कल दूसरे दिन हड़ताली बैंककर्मी अपने-अपने मंडली/ क्षेत्रीय कार्यालय तथा अपनी शाखा के सम्मुख 11.30 बजे सुबह प्रर्दशन एवं सभा करेंगे।