टीम इंस्टेंटखबर
केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में सोमवार और मंगलवार जो ‘भारत बंद‘ बुलाया गया है. देशभर में आज उसका असर साफ दिखा. कहीं परिवहन सेवाएं बाधित हुईं तो कहीं रेलवे ट्रैक को ब्लॉक किया गया. इस बंद का असर देश के कई राज्यों में देखने को मिला. इस बंद को अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ का भी समर्थन मिल रहा है. बता दें कि बीजेपी के पांच में से चार राज्यों में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद यह पहली ऐसी हड़ताल है, जिसमें सरकारी नीतियों का विरोध किया जा रहा है.

बता दें कि केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के एक संयुक्त मंच द्वारा राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया गया है. केरल, पश्चिम बंगाल जैसे कुछ राज्यों में इसका पुरजोर असर देखने को मिल रहा है. हड़ताल के पहले दिन सोमवार को बैंकिंग कामकाज, परिवहन और खनन एवं उत्पादन पर असर देखा गया. बैंकिंग कामकाज पर कई हिस्सों में असर पड़ा और खनन गतिविधियां भी प्रभावित हुईं.

दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल के मद्देनजर पश्चिम बंगाल में कुछ स्थानों पर सामान्य जनजीवन प्रभावित रहा. कुछ जिलों में परिवहन सेवाएं प्रभावित हुईं क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने हावड़ा और सियालदह खंडों के कुछ रेलवे स्टेशनों पर सड़कों को अवरुद्ध कर दिया और ट्रेन की आवाजाही रोक दी. हालांकि, रेलवे अधिकारियों ने कहा कि अब तक किसी बड़े व्यवधान की कोई खबर नहीं है. राज्य के अधिकतर हिस्सों में कार्यालयों, शैक्षणिक संस्थानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में संचालन अप्रभावित रहा. बैंकिंग सेवाएं आंशिक रूप से प्रभावित हुईं क्योंकि कुछ क्षेत्रों में बैंकों की शाखाएं बंद रहीं और कर्मचारियों का एक वर्ग ड्यूटी पर नहीं आया, जबकि कई एटीएम बंद रहे.

वहीं केरल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश जारी किया है कि वो सरकारी कर्मचारियों को दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल/भारत बंद में हिस्सा लेने से रोके. कोर्ट ने यह भी कहा कि कर्मचारियों द्वारा हड़ताल में भाग लेना पूरी तरह से अवैध है. केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधीरन ने दो दिवसीय भारत बंद का समर्थन करने के लिए केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और उनकी सरकार पर निशाना साधा. वी मुरलीधीरन ने कहा कि बंद के लिए राज्य सरकार का समर्थन राज्य की प्रगति में बाधा डालता है.

सार्वजनिक क्षेत्र के राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड (आरआईएनएल) के करीब 8000 कर्मचारियों के सोमवार को श्रमिक संगठनों की देशव्यापी हड़ताल में शामिल हो जाने से विशाखापटनम स्थित स्टील संयंत्र में उत्पादन प्रभावित हुआ. आरआईएनएल के एक अधिकारी ने बताया कि निर्माण संयंत्र के करीब 11,000 कर्मचारियों में से करीब 75 प्रतिशत कर्मचारी काम के लिए नहीं आए जिससे 75 लाख टन क्षमता वाले संयंत्र में उत्पादन पर असर पड़ा. ये कर्मचारी श्रमिक संगठनों की तरफ से बुलाई गई दो दिवसीय हड़ताल में शामिल हुए हैं.