नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सोमवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में जो निर्णय लिये गए हैं, उनके बारे में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, नितिन गडकरी और नरेंद्र सिंह तोमर ने प्रेस वार्ता कर इसकी जानकारी दी. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के दूसरे साल में प्रवेश करने के बाद यह पहली कैबिनेट बैठक थी.
आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत एमएसएमई की परिभाषा को बदलने की मंज़ूरी दी गई है. साल 2006 में एक एक्ट पास करके एमएसएमई की परिभाषा की व्याख्या की गई थी. 14 साल बाद इस परिभाषा में बदलाव किया गया है.
हमारे देश की जीडीपी में 29 प्रतिशत योगदान MSME का होता है. देश में अभी 6 करोड़ MSME हैं और इस सेक्टर ने 11 करोड़ से ज़्यादा रोज़गार दिये हैं.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि ‘MSME के लिए 50,000 करोड़ रुपये के फंड ऑफ़ फंड्स को मंज़ूरी दी गई है. इससे संकट में फंसे छोटे उद्योगों को मदद मिलेगी. मेरा मानना है कि सरकार इन 50,000 करोड़ रुपये को कुछ वर्षों में दो लाख करोड़ रुपये बना सकेगी.’
MSME सेक्टर में प्लांट और मशीनरी में निवेश 50 करोड़ होगा और टर्न ओवर 100 करोड़ की जगह 250 करोड़ हो गया है. एक्सपोर्ट के टर्नओवर को इस सेक्टर में नहीं जोड़ा जाएगा.
केंद्रीय कैबिनेट के फ़ैसले में किसानों के लिए अहम फ़ैसले लिये गए हैं.
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