लखनऊ ब्यूरो
स्वाभिमान यात्रा निकालकर लखनऊ के हज़रतगंज चौराहे पर स्थित बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर की मूर्ति पर मार्ल्यापण करने जा रहे कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं को पुलिस ने बलपूर्वक रोका।

बाद में एक पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए अनुसूचित जाति विभाग के प्रदेश अध्यक्ष आलोक प्रसाद एवं कार्यकारी अध्यक्ष मध्य जोन तनुज पुनिया ने कहा कि अलोकतांत्रिक तरीके से रोका जाना लोकतंत्र के मूल्यों का हनन है, जो आज योगी सरकार की पुलिस द्वारा किया गया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अहंकार में चूर अपनी दमनकारी नीतियों के तहत इस प्रकार के कार्य कर विपक्ष की आवाज को दबाना चाहते है। जिससे उनका दलित विरोध चेहरा उजागर हो चुका है।

श्री तनुज पुनिया ने कहा कि योगी सरकार की तानाशाही इतनी बढ़ चुकी है कि अब बाबासाहेब को सम्मान देना भी एक अपराध है? पुलिस की यह हरकत अत्यंत निंदनीय है।

नेता द्वय ने कहा, देश के हर नागरिक को बाबा साहब के सम्मान में मार्ल्यापण करने का अधिकार है चाहे वह देश का प्रथम नागरिक हो या देश का आम नागरिक। मगर मगर मुख्यमंत्री योगी अपनी क्षदम और कुनीति के तहत संविधान में दिये गये अधिकारों का उलंघन कर संविधान पर लगातार प्रहार कर रहे है। यूपी की भाजपा सरकार बाबा साहब के प्रेम में आडम्बर और दिखावा कर पलक पावड़े विछाने को आतुर है और सिर्फ दलित समाज को वोट बैंक की खातिर लुभाने का कार्य कर रही है, परन्तु आज दलित समाज जागरूक हो गया है और जानता है सिर्फ कांग्रेस पार्टी ही दलितों की हितैसी और दलितों के सम्मान में, तथा उनके अधिकारों को दिलाने के लिए सदन से सड़क तक लड़ाई लड़ रही है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में दलित समाज पर हो रहे उत्पीड़न, अत्याचार तथा महिलाओं पर लगातार हो रहे बलात्कार और हत्याओं पर मौन और शांत बैठें है।

नेता द्वय ने ने आगे कहा कि संविधान निर्माता बाबा साहब को कांग्रेस द्वारा दिये गये सम्मान पर मार्ल्यापण करने जा रहे कांग्रेसजनों को रोकने के बजाय दलित समाज पर हो रहे अत्याचार, उत्पीड़न और बलात्कार और हत्याओं की घटनाओं को रोकने की आवश्यकता है। किसानों और बेरोजगारों पर बर्बरता पूर्वक लाठी बरसाना रोकें, आज भाजपा का चाल, चरित्र चेहरा उजागर हो चुका है, भाजपा की करनी और कथनी में अंतर है अब यह पूरी तरह दोहरी मानसिकता से ग्रस्त हो चुके है।