नई दिल्ली: अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 महामारी का असर दिखने लगा है। मैन्युफैक्चरिंग और कंस्ट्रक्शन गतिविधियों में गिरावट के चलते जनवरी-मार्च तिमाही में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) विकास दर सिर्फ 3.1 फीसदी दर्ज हुई है। यह आठ साल में सबसे कम है। विकास दर में लगातार आठवीं तिमाही गिरावट आई है। गुरुवार को सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय की तरफ से ये आंकड़े जारी किए गए। एक साल पहले 2018-19 की चौथी तिमाही विकास दर 5.7 फीसदी दर्ज हुई थी। पूरे वित्त वर्ष 2019-20 में जीडीपी विकास दर घटकर 4.2 फीसदी रह गई। 2018-19 में यह 6.1 फीसदी थी। मौजूदा सीरीज में यह सबसे कम विकास दर है। मौजूदा मूल्यों के आधार पर देखें तो विकास दर 7.2 फीसदी दर्ज हुई है, जो 2018-19 में 11 फीसदी थी।

कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए पूरे देश में 25 मार्च से लॉकडाउन है। हालांकि इस महामारी के चलते अन्य देशों में आर्थिक गतिविधियां पहले ही कम होने लगी थीं, जिसका असर भारत की विकास दर पर पड़ा है। जनवरी-मार्च के दौरान चीन की विकास दर शून्य से 6.8 फीसदी कम रही थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय की तरफ से जनवरी और फरवरी में जारी पहले और दूसरे अनुमान के आधार पर रिजर्व बैंक ने 2019-20 में सालाना पांच फीसदी विकास का अनुमान जताया था।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के अनुसार मार्च तिमाही के आंकड़े आगे चलकर संशोधित किए जा सकते हैं। इसने 2019-20 की पहली तीन तिमाही के आंकड़ों को भी संशोधित किया है। संशोधन के मुताबिक पहली तिमाही की विकास दर 5.6 फीसदी के बजाय 5.2 फीसदी, दूसरी तिमाही की 5.1 फीसदी के बजाय 4.4 फीसदी और तीसरी तिमाही की विकास दर 4.7 फीसदी के बजाय 4.1 फीसदी रह गई है। मंत्रालय का कहना है कि कोविड-19 महामारी के चलते लॉकडाउन से आंकड़े जुटाने की प्रक्रिया प्रभावित हुई है। कुछ संस्थानों में अभी काम शुरू नहीं हो सका है, इसके अलावा सरकार ने फाइनेंशियल रिटर्न की अंतिम तारीख भी बढ़ा दी है। इसलिए उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर ही अनुमान निकाले गए हैं, इनमें आगे संशोधन संभव है।

2011-12 के स्थिर मूल्यों पर 2019-20 में जीडीपी का आकार 145.66 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जो एक साल पहले 139.81 लाख करोड़ रुपये था। मौजूदा मूल्यों पर यह 203.40 लाख करोड़ रुपये है, 2018-19 में यह 189.71 लाख करोड़ रुपये था। इसी तरह, स्थिर मूल्यों पर प्रति व्यक्ति आय 2018-19 के 92,085 रुपये से 3.1 फीसदी बढ़कर 94,954 रुपये हो गई। मौजूदा मूल्यों पर इसमें 6.1 फीसदी वृद्धि हुई और 1,26,521 रुपये से 1,34,226 रुपये हो गई।