नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम स्थित आरआर वेंकटपुरम गांव में एलजी पॉलिमर उद्योग में अचानक केमिकल गैस लीक होने से बड़ा हादसा हो गया। हादसा गुरुवार (7 मई) की सुबह साढ़े तीन बजे हुआ। बताया जा रहा है कि करीब डेढ़ महीने से बंद पड़ी एक प्लास्टिक फैक्ट्री को जब फिर चालू करने की कोशिश की जा रही थी, तब उससे स्टीरिन गैस लीक हो गई।

हादसे में अबतक 13 लोगों की मौत हो गई है। जिसमें एक बच्चा भी शामिल है। 120 से अधीक लोगों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। कई लोग अभी भी सड़कों पर बेहोश पड़े हुए हैं और कई आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ हो रही है।

बताया जा रहा है कि प्लांट से रिसने वाली गैस का नाम स्टीरीन है। यह गैस बाहरी वातावरण में आने के बाद स्टीरीन ऑक्सिजन के साथ आसानी से मिक्स हो जाती है। नतीजतन हवा में कार्बन मोनो ऑक्साइड की मात्रा बढ़ने लगती है। यह गैस कितनी घातक है और स्वास्थ्य को कैसे नुकसान पहुंचा सकती है, चलिए जानते हैं।

इस गैस को बहुत ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा है और जो भी इसके संपर्क में आ रहा है और कुछ समय में बेहोश हो जा रहा है। इसका मतलब है यह गैस सीधे तौर पर फेफड़ों पर असर कर रही है। इसके संपर्क में आने के बाद लोगों के फेफड़ों पर बुरा असर पड़ता है और वे घुटन महसूस करने लगते हैं।

बताया जा रहा है कि इस जहरीली गैस के संपर्क में आने वाले लोगों को लोगों ने आंखों में जलन, सांस लेने में तकलीफ, जी मचलाना और शरीर पर लाल चकत्ते पड़ने की शिकायत की। इस इलाके के अधिकतर लोगों में यह लक्षण दिखाई दिए हैं।

ऐसा कहा जा रहा है कि यह गैस दिमाग और रीढ़ की हड्डी पर भी असर डाल सकती है। इस वजह से गैस के संपर्क में आने वाले स्थानीय लोग सड़कों पर इधर-उधर गश खाकर गिर पड़े।

बताया जा रहा है कि स्टीरिन गैस मानव के नर्वस सिस्टम पर असर डाल सकती है। साथ ही पैंक्रियाटिक कैंसर को जन्म दे सकती है। एक अन्य अध्ययन बताता है कि स्टीरिन का असर आंखों के साथ सुनने पर भी पड़ सकता है।

एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस गैस के संपर्क में आये लोगों का तुरंत इलाज करना बहुत जरूरी है क्योंकि यह शरीर के कई अंगों को प्रभावित कर सकती है। इससे बचने के लिए लोगों को फिलहाल गीले मास्क पहनने के लिए दिए जा रहे हैं। एक्सपर्ट्स यह भी मान रहे हैं कि आपको अभी बाहर निकलने से बचना चाहिए और घर के दरवाजे-खिड़कियों को अच्छी तरह बंद कर लेना चाहिए।

इसके अलावा आपको खूब पानी पीना चाहिए और अगर ज्यादा असहज लगे तो सिट्राजीन टैबलेट का इस्तेमाल कर सकते हैं। वैसे ये भी कहा गया है कि इस गैस के असर को दूर करने के लिए दूध, केला, गुड़ आदि का इस्तेमाल किया जा सकता है।