मेनापोलीस में पुलिसकर्मी के हाथों जार्ज फ़्लोइड की निर्मम हत्या के बाद पुलिस की आलोचना में प्रदर्शनों का सिलसिला कई अमरीकी राज्यों में फैल गया है।

इस बीच मिनेसोटा राज्य ने हिंसक प्रदर्शनों से निपटने के लिए नेशनल गार्ड्स की मदद लेने की बात कही है जबकि राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प का कहना है कि प्रदर्शनों को रोकने के लिए सेना तैनात करनी पड़ सकती है।

मिनेसोटा की राजधानी मिनापोलीस में तो हालात बहुत ख़राब हैं साथ ही न्यूयार्क, एटलांटा, पोर्टलैंड, वाशिंग्टन, लास एंजलेस, ओकलैंड, डिट्रायट, और कई अन्य शहरों में भी बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए। बहुत सी जगहों पर तो इस तरह भयानक आग भड़क उठी कि सब कुछ जलकर राख हो गया।

केलीफ़ोर्निया के ओकलैंड शहर में प्रदर्शनों के दौरान दो लोगों की हत्या हो गई जिनमें एक पुलिसकर्मी बताया जाता है जबकि फ़ेडरल गवर्नमेंट की एक इमारत पर होने वाली फ़ायरिंग में एक व्यक्ति के सिर मे गोली लग गई जो गंभीर रूप से घायल है।

डेट्रोइट में प्रदर्शन में भाग लेने वाले एक युवा को किसी अज्ञात व्यक्ति ने गोली मारकर क़त्ल कर दिया। हमलावर ने गाड़ी के भीतर से गोली मारी और भाग निकला।

जार्जिया राज्य के एटलांटा शहर में प्रदर्शनकारियों ने सीएनएन टीवी चैनल के कार्यालय पर हमला कर दिया और पुलिस की गाड़ियों को भी निशाना बनाया।

लास एंजेलस में प्रदर्शनकारी जार्ज फ़्लोइड के आख़िरी वाक्य दोहरा रहे थे जो उसने मरने से पहले कहे थे। न्यूयार्क में भी हज़ारों की संख्या में प्रदर्शनकारी सड़कों पर निकल पड़े।

वाशिंग्टन में भारी संख्या में पुलिसकर्मियों और इंटेलीजेन्स एजेंसियों के कर्मियों को तैनात करना पड़ा।

कार्यकर्ताओं का कहना है कि देश के कई राज्यों में नस्लपरस्ती के चलते आक्रोश की आग पहले से ही फैल चुकी थी और अब फ़्लोइड की हत्या के बाद यह आक्रोश ज्वालामुखी बन गया।

इस बीच अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने कहा कि वह पुलिस पर हमले करने वाले प्रदर्शनकारियों को कुचलने के लिए सेना की तैनाती का फ़रमान जारी कर सकते हैं।