सैटेलाइट तस्वीरों से हुआ खुलासा, ईरान के हमले में क़तर स्थित अमेरिकी एयरबेस को हुआ था भारी नुकसान
बहुत दिन छुपाये रखने के बाद अब पता चला है कि ईरान- इजरायल संघर्ष के दौरान कतर स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डे को ईरान के हमले में बड़ा नुकसान हुआ था. एसोसिएटेड प्रेस द्वारा विश्लेषण किए गए उपग्रह चित्रों से इस बात का खुलासा हुआ है. पहले बहुत मामूली नुक्सान की बात कही गयी थी.
एसोसिएटेड प्रेस द्वारा शुक्रवार को विश्लेषण किए गए उपग्रह चित्रों (Satellite Images) से पता चलता है कि कतर स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डे पर ईरान के हमले में संभवतः जियोडेसिक गुंबद पर (Geodesic Dome) हमला हुआ। जिसमें अमेरिकी सेना ने सुरक्षित संचार(Secure Communications) के लिए उपयोग किए जाने वाले उपकरण (Equipment) रखे गए थे।
हालांकि, अमेरिकी सेना और कतर ने नुकसान पर टिप्पणी के अनुरोधों का तुरंत जवाब नहीं दिया। जिसे अब तक सार्वजनिक रूप से स्वीकार नहीं किया गया है। कतर की राजधानी दोहा के बाहर अल उदीद एयर बेस पर 23 जून को ईरानी हमला हुआ था। यह हमला ईरान ने तेहरान में तीन परमाणु स्थलों पर अमेरिकी बमबारी के जवाब में किया था। जिसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मध्यस्थता की और सीजफायर का ऐलान किया। जिसके चलते 12 दिनों से चल रहा ईरान-इज़रायल संघर्ष खत्म हुआ।
ईरानी हमले से अमेरिका का बहुत कम हानि हुई। संभवतः इस इसके कारण कि अमेरिका ने हमले से पहले ही अपने विमानों को बेस से हटाकर अमेरिकी सेना के सेंट्रल कमांड के अग्रिम मुख्यालय में पहुंचा दिया था।
ट्रम्प ने यह भी कहा कि ईरान ने संकेत दिया कि वह कब और कैसे जवाबी कार्रवाई करेगा। जिससे अमेरिकी और कतर वायु रक्षा को हमले के लिए तैयार रहने का मौका मिल गया। जिससे मध्य पूर्व में हवाई यात्रा कुछ समय के लिए बाधित हुई, हालांकि, यह क्षेत्रीय युद्ध में तब्दील नहीं हुआ, जिसकी विश्लेषकों को लंबे समय से आशंका थी।
प्लैनेट लैब्स पीबीसी की उपग्रह छवियों (Satellite images from Planet Labs PBC) में 23 जून की सुबह, हमले से कुछ घंटे पहले, अल उदीद एयर बेस (Al Udeid Air Base) पर दिखाई देने वाला जियोडेसिक गुंबद (Geodesic Dome) दिखाई दे रहा है। अमेरिकी वायु सेना( US Air Force) की 379वीं एयर एक्सपेडिशनरी विंग, जो इस बेस से संचालित होती है। उसने 2016 में 15 मिलियन अमेरिकी डॉलर की लागत से एक उपकरण स्थापित करने की घोषणा की थी, जिसे आधुनिक उद्यम टर्मिनल के रूप में जाना जाता है। इसकी तस्वीरों में गुंबद के अंदर एक सैटेलाइट डिश दिखाई दे रही है, जिसे रेडोम कहा जाता है।
25 जून और उसके बाद हर दिन ली गई तस्वीरों से पता चलता है कि गुंबद गायब है और पास की एक इमारत को कुछ नुकसान दिखाई दे रहा है। तस्वीरों में बेस का बाकी हिस्सा ज़्यादातर अछूता दिखाई देता है।
यह संभव है कि गुंबद पर किसी टुकड़े या किसी अन्य चीज का प्रहार हुआ हो, लेकिन गुंबद के विनाश को देखते हुए यह संभवतः ईरानी हमला था, संभवतः बम ले जाने वाले ड्रोन के माध्यम से हुआ, क्योंकि आसपास की संरचनाओं में सीमित क्षति ही दिखाई दी।
लंदन स्थित सैटेलाइट समाचार चैनल ईरान इंटरनेशनल ने सबसे पहले एक अन्य प्रदाता द्वारा ली गई सैटेलाइट तस्वीरों का हवाला देते हुए नुकसान की सूचना दी।
अमेरिका मेंट्रंप ने ईरानी हमले को बेहद कमज़ोर बताया था। उन्होंने कहा था कि तेहरान ने 14 मिसाइलें दागीं, जिनमें से 13 को रोक लिया गया और एक को छोड़ दिया गया, क्योंकि वह गैर-खतरनाक दिशा में जा रही थी। उन्होंने अपनी वेबसाइट ट्रुथ सोशल पर लिखा, “मैं ईरान का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं कि उसने हमें पहले ही सूचना दे दी, जिससे किसी की जान नहीं गई और कोई घायल नहीं हुआ।
हमले के बाद ईरान के अर्धसैनिक बल रिवोल्यूशनरी गार्ड (Iran paramilitary Revolutionary Guard) ने जोर देकर कहा कि एयरबेस एक विनाशकारी और शक्तिशाली मिसाइल हमले का निशाना था। ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (Iran Supreme National Security Council) ने भी दावा किया कि बेस को नष्ट कर दिया गया है, लेकिन उसने कोई विशिष्ट क्षति का आकलन नहीं किया।
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई (Iran Supreme Leader Ayatollah Ali Khamenei) के एक सलाहकार ने संभावित रूप से यह संकेत देते हुए कि उन्हें पता था कि गुंबद पर हमला हुआ है, अलग से दावा किया कि हमले के कारण अड्डे का संचार संपर्क टूट गया था।










