नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में योग और आयुर्वेद के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कोरोना संकट के बीच योग करना बेहद फायदेमंद हो सकता है। पीएम मोदी ने कहा कि इस समय दुनिया के कई नेताओं की योग और आयुर्वेद में दिलचस्पी है।

विश्व के नेताओं ने योग में दिखाई दिलचस्पी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, कोरोना संकट के इस दौर में विश्व के अनेक नेताओं से बातचीत हुई है। विश्व के अनेक नेताओं की जब बातचीत होती है तो मैंने देखा, इन दिनों उनकी बहुत ज्यादा दिलचस्पी योग और आयुर्वेद के सम्बन्ध में होती है। कुछ नेताओं ने मुझसे पूछा कि कोरोना के इस काल में योग और आयुर्वेद कैसे मदद कर सकते हैं?

हॉलीवुड से हरिद्वार तक योग
उन्होंने कहा, योग जैसे-जैसे लोगों के जीवन से जुड़ रहा है, उसी रफ्तार से लोगों में अपने स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता भी लगातार बढ़ रही है। अभी कोरोना संकट के दौरान भी ये देखा जा रहा है कि हॉलीवुड से हरिद्वार तक, घर में रहते हुए, लोग योग पर बहुत गंभीरता से ध्यान दे रहे हैं। हर जगह लोगों ने योग और उसके साथ-साथ आयुर्वेद के बारे में और ज्यादा, जानना चाहा है और उसे अपनाना चाहा है। कितने ही लोग जिन्होंने कभी योग नहीं किया, वे भी या तो ऑनलाइन योग क्लासेस से जुड़ गए हैं या फिर ऑनलाइन वीडियो के माध्यम से भी योग सीख रहे हैं। सही में योग कम्युनिटी, इम्युनिटी और यूनिटी सबके लिए अच्छा है।

योग से मज़बूत होता है रेस्पीरेटरी सिस्टम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया, कोरोना संकट के इस समय में योग इसलिए भी ज्यादा अहम है क्योंकि ये वायरस हमारे रेस्पीरेटरी सिस्टम को सबसे अधिक प्रभावित करता है। योग में तो रेस्पीरेटरी सिस्टम को मजबूत करने वाले कई तरह के प्राणायाम हैं, जिनका असर हम लम्बे समय से देखते आ रहे हैं। कपालभाती और अनुलोम-विलोम प्राणायाम से अधिकतर लोग परिचित होंगे। लेकिन भस्त्रिका, शीतली, भ्रामरी जैसे कई प्राणायाम के प्रकार हैं जिसके अनेक लाभ भी हैं।