नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने शुक्रवार (21 अगस्त) एक चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा है कि यह महात्मा गांधी का भारत नहीं है। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को खत्म किये जाने के बाद फारूक अब्दुल्ला को केंद्र सरकार ने हिरासत में लिया था जिसके बाद यह फारूक अब्दुल्ला का पहला इंटरव्यू है।
रोज़ बोला जाता है झूठ
फारूक अब्दुल्ला ने कहा, जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जा वापस लिए जाने के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोई संकेत नहीं दिए थे। फारूक अब्दुल्ला को मार्च 2020 में रिहा किया गया था। फारूक अब्दुल्ला ने कहा, कोई भी भारत की सरकार पर अब भरोसा नहीं कर सकता है। एक दिन भी ऐसा नहीं है, जब वे झूठ नहीं बोलते हैं। फारूक अब्दुल्ला ने कहा, यह अप्रत्याशित कदम था। उन्होंने कहा, मैं बस एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिला था लेकिन उन्होंने ऐसा कोई संकेत नहीं दिया था। मैंने उनसे (पीएम मोदी) यह भी कहा था कि इतने सारे जवानों को भेजा गया था…इसकी क्या जरूरत थी। पर्यटकों को जम्मू-कश्मीर से बाहर किया जा रहा था, अमरनाथ की यात्रा रद्द कर दी गई थी।
मोदी ने सवाल को टाला
फारूक अब्दुल्ला ने आगे कहा, जब मैंने इस सब बातों के बारे में पीएम मोदी से पूछा तो उन्होंने इन सब बातों पर कोई जवाब नहीं दिया बल्कि अन्य सारी चीजों के बारे में बताया। ‘प्रधानमंत्री से क्या कहना चाहेंगे’, इस सवाल पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा, मेरा प्रधानमंत्री को यही मैसेज है कि वह ईमानदार बनें। इसके अलावा उन्हें वास्तव में तथ्यों का सामना करना चाहिए।
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