नई दिल्लीः मशहूर अधिवक्ता और एक्टिविस्ट प्रशांत भूषण अदालत की अवमानना के मामले में सज़ा काटने के लिए तैयार हैं लेकिन वे माफ़ी नहीं मांगेंगे। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय में प्रशांत भूषण अपने वकील के माध्यम से इस बात की अपील करेंगे कि पहले उनके आवेदन पर विचार किया जाये।

आवेदन का सजा से सरोकार नहीं
सर्वोच्च न्यायालय पहले ही साफ़ कर चुका है कि उनके आवेदन और उनको दी जाने वाली सज़ा का आपस में कोई सरोकार नहीं है, क्योंकि अदालत उनको दोषी करार दे चुकी है, फिर भी जब तक उनके आवेदन पर कोई फैसला नहीं कर दिया जाता तब तक उनको सुनाई गयी सज़ा अमल में नहीं आएगी।

24 अगस्त तक मिली है मोहलत
गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय ने प्रशांत भूषण को 24 अगस्त तक बिना शर्त माफ़ीनामा दाख़िल करने को कहा है , यदि प्रशांत भूषण माफीनामा देते हैं तो 25 अगस्त को सर्वोच्च न्यायालय उस पर विचार करेगा लेकिन भूषण के निकट सूत्रों ने लोकमत से बातचीत में कहा कि माफीनामा देने का सवाल ही पैदा नहीं होता चाहे अदालत उनको सज़ा ही क्यों न सुना दे।

बड़ी बेंच में हो सकती है अपील
प्राप्त संकेतों के अनुसार यदि अदालत उनको सज़ा सुनाती है तो भूषण उससे पहले बड़ी बेंच में सुनवाई की अपील कर सकते हैं। अदालत की अवमानना के मामले में सर्वोच्च न्यायालय उनको 6 महीने का कारावास और जुर्माने की रकम भरने का हुक्म दे सकती है। प्रशांत भूषण अपनी उन टिप्पणियों पर कायम हैं जो उन्होंने ट्वीट के माध्यम से सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश को लेकर की थीं ।