नई दिल्ली: पिछले कुछ महीनों से ठंडा पड़ा किसानों का विरोध प्रदर्शन अब सरकार के ख़िलाफ़ फिर से मोर्चा खोलने की तैयारी में है। देश के किसान 30 जून को पूरे भारत के सभी प्रदर्शन स्थलों पर क्रांति दिवस मनाएंगे।
संयुक्त किसान मोर्चे ने घोषणा की है कि 30 जून को जन-जातीय क्षेत्रों के सदस्यों को धरना स्थलों पर आमंत्रित किय जाएगा। किसान मोर्चे के अनुसार सुकमा और बीजापुर जिलों की सीमाओं पर स्थित सेलागर के आदिवासियों को हमने अपना पूरा समर्थन दिया है। यह आदिवासी अपने क्षेत्र में सीआरपीएफ शिविर स्थापित करने के सरकारी फैसले का विरोध कर रहे हैं।
इसके साथ ही किसान मोर्चे ने हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी और जजपा पार्टी के नेताओं के विरुद्ध शांतिपूर्ण प्रदर्शन जारी रखने के साथ ही इन नेताओं के प्रवेश का विरोध करने का भी फैसला किया है। किसान मोर्चे ने बताया है कि एआईकेएस, एआएडब्लूयू और सीआईटीयू के कार्यकर्ताओं का एक बड़ा दल सिंघु बार्डर के धरना स्थल पर पहुंचे।
किसान मोर्चे का यह भी कहना है कि किसान आन्दोलन के सात महीने पूरे होने पर 26 जून को वे पूरे देश में राजभवनों के बाहर प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को ज्ञापन भेजने का भी कार्यक्रम बनाया है।
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