नई दिल्ली: तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर मंगलवार को सरकार और किसानों के प्रतिनिधिमंडल के बीच बातचीत बिना किसी नतीजे पर समाप्त हो गई थी। इसलिए गुरूवार को दोनों पक्षों के बीच फिर से बैठक हुई। करीब 8 घंटे की बातचीत दोनों पक्षों के बीच हुई। बैठक खत्म होने के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, “आज किसान यूनियन के साथ भारत सरकार के चौथे चरण की चर्चा पूरी हुई। किसान यूनियन ने अपना पक्ष रखा और सरकार ने अपना पक्ष रखा।”

5 दिसंबर को फिर बैठक
कृषि मंत्री ने इस बात का दावा किया कि दोनों पक्षों के बीच बेहतर बातचीत हुई है। उन्होंने कहा, “आज बहुत अच्छे वातावरण में चर्चा हुई है। किसानों ने बहुत सही से अपने विषयों को रखा है। जो बिंदु निकले हैं उन पर हम सब लोगों की लगभग सहमति बनी है, परसों बैठेंगे तो इस बात को और आगे बढ़ाएंगे।”

बैठक से पहले किसानों ने सरकार के सामने जो ड्राफ्ट भेजा है, उसमें कई प्रमुख मुद्दों को उठाया है। ये है 6 प्रमुख मांग-

  • तीनों कृषि कानून वापस लिए जाएं
  • वायु प्रदूषण के कानून में बदलाव वापस हो
  • बिजली बिल के कानून में बदलाव है, वो गलत है
  • एमएसपी पर लिखित में भरोसा दे
  • कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग पर किसानों को ऐतराज
  • डीजल की कीमत को आधा किया जाए

किसानों की चेतावनी
वहीं, किसानों ने चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि अगर तीनों किसान कानूनों को रद्द नहीं किया गया तो वे दिल्‍ली के रास्‍ते ब्‍लॉक कर देंगे। किसानों ने कहा है कि सरकार विशेष सत्र बुलाकर इन कानूनों को रद्द कर दे अन्यथा किसान दिल्ली ब्लॉक कर देंगे। उन्होंने यह भी कहा है कि सरकार पंजाब के किसानों के अलावा पूरे देश के किसान नेताओं को वार्ता के लिए बुलाए।