Mr Mr. Phil Pomford, Managing Director-APAC, Merchant Solutions, FIS

कोविड- 19 वैश्विक महामारी के कारण डिजिटल पेमेंट में काफी तेजी आई है, क्योंकि लोग संक्रमण की जोखिम से बचने के लिए ज्यादातर शाॅपिंग आॅनलाइन ही कर रहे हैं। कई व्यापारी यूपीआई, आईएमपीएस और प्रीपेड वाॅलेट्स जैसे डिजिटल पेमेंट उपाय अपना रहे हैं, ताकि ग्राहक अपने घर बैठे या न्यूनतम सम्पर्क के जरिए रिटेल स्टोर्स से खरीदारी कर सकें। इससे व्यापारियों को अपने ग्राहक बढाने, ग्राहकों को अधिक संतुष्टि प्रदान करने और अपना लाभ बढाने में मदद मिल रही है।

डिजिटल पेमेंट मार्केट-वृद्धि के अवसर

डिजिटल इंडिया इनीशिएटिव और सरकार द्वारा कैशलैस सोसायटी पर जोर दिए जाने के कारण देश में डिजिटल पेमेंट का ईकोसिस्टम काफी बदल गया है। डिजिटल पेमेंट के विभिन्न उपायों जैसे यूपीआई, क्यूआर पेमेंट्स, वाॅलेट्स, आईएमपीएस, यूएसएसडी पेमेंट्स, प्रीपेड बैंक कार्ड, कांटेक्टलैस पीओएस टर्मिनल्स और भीम एप आदि उपलब्ध हैं।

सस्ती मोबाइल इंटरनेट कनेक्टिविटी, मोबाइल की बढ़ती पहुंच और ई-काॅमर्स में आई तेजी के कारण भी बाधारहित डिजिटल ट्रांजेक्शंस की मांग बढ़ी है। ज्यादातर ई-काॅमर्स प्लेटफार्म अब डिजिटल पेमेंट की सुविधा देते हैं। आॅनलाइन शाॅपिंग में भी डिजिटल पीओएस अब कैश आॅन डिलीवरी माॅडल का स्थान लेता जा रहा है।

आरबीआई के उपाय जैसे प्रस्तावित ‘एक्सपटेंस डवलपमेंट फंड‘ से एसएमबी को डिजिटल पेमेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर को तैयार करने में मदद मिलेगी। आरबीआई ने पीपीआई जारीकर्ताओं द्वारा आंतरिक लोकपाल की नियुक्ति भी अनिवार्य कर दी है ताकि वाॅलेट उपयोगकर्ताओं का पैसा सुरक्षित रहे और ट्रांजेक्शन फेल होने पर भी उन्हें नुकसान ना हो। बडे़ पेमेंट नेटवर्क द्वारा क्रेडिट और डेबिट कार्ड की संशोधित इंटरचेंज फीस से कई छोटे व्यापारी भी इनका इस्तेमाल शुरू करेंगे।

इसके अलावा टैप एंड गो पेमेंट लिमिट को 2000 से बढ़ा कर 5000 किए जाने के प्रस्तावत उपाय से बडे़ ट्रांजेक्शंस के लिए कार्ड स्वाइप करने की जरूरत खत्म हो जाएगी और सुरक्षित, सम्पर्करहित पीओएस पेमेंट्स को प्रोत्साहन मिलेगा।

डिजिटल पेमेंट्स इन्फ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने की जरूरत

व्यापारियो को भरोसेमंद सेवाएं, बड़ा आधार, मौजूदा पेमेंट सेटअप्स के साथ आसान इंटीग्रेशन, न्यूनतम इंस्टाॅलेशन, सर्विस और मैंटीनेंस लागत और कई अन्य सुविधाएं चाहिए। वहीं ग्राहकों को उपयोग में आसान, सुरक्षित और किफायती पेमेंट साॅल्यूशन की जरूरत हैं, ताकि उनका अनुभव बाधारहित हो। वित्तीय संस्थानों और नियामक संस्थाओं को व्यापारियों को डिजिटल पेमेंट्स के फायदों, ओपन बैंकिंग स्वीकार करने ग्राहक केन्द्रित साॅल्यूशंस के लिए फिनटेक पार्टनर्स के साथ साझेदारी करने के बारे में शिक्षित करना चाहिए। उन्हें सस्ता, ज्यादा से ज्यादा फीचर्स वाले पेमेंट साॅल्यूशन को विकसित करने, परीक्षण करने और स्थापित करने के लिए ज्यादा सुरक्षित, लचीला और चुस्त फ्रेमवर्क चाहिए।

वित्तीय संस्थानों के लिए साइबर सिक्योरिटी की चुनौतियों, डाटा की चोरी और धोखाधड़ी जैसी समस्याएं भी बढ़ रही हैं। वित्तीय संस्थानों को पेमेंट के तरीकों को टोकनाइजेशन, एससीए, बायोमेट्रिक आॅथेंटिकेशन, पेमेंट कंट्रोल आदि से जोड़ना चाहिए, ताकि धोखाधड़ी से सुरक्षा मिले। ये उपाय एआई, एमएल, ब्लाॅकचेन, एनएफसी आदि से जुडे़ होने चाहिए। इससे वित्तीय संस्थान रीयल टाइम पर जोखिम का आकलन कर सकेंगे, सुरक्षा उपाय लागू कर सकेंगे और धोखाधड़ी से बचाव के अपने सिस्टम को बेहतर कर सकेंगे।

एक कुशल और किफायती पेमेंट साॅल्यूशन बनाने के लिए उच्च दक्षता प्राप्त प्रोफेशनल्स की चुस्त टीम चाहिए, जिसके पास सभी जरूरी संसाधन होने चाहिए। तकनीक और सरकार के सुधारों से पेमेंट का क्षेत्र बदलेगा और भारत का बैंकिंग ईकोसिस्टम आधुनिक बनेगा। लेकिन अंत में व्यापारी और ग्राहक जब इसे स्वेच्छा से स्वीकार करेंगे तभी डिजिटल पेमेंट्स की सफलता सुनिश्चित होगी।