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तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन ने इस्लाम की उपेक्षा करने के लिए यूरोपीय संघ की तीखी आलोचना करते हुए कहा है कि EU ने इस्लाम के प्रति बढ़ती शत्रुता को खत्म करने के लिए कोई उल्लेखनीय कदम नहीं उठाया है.

गुरुवार को राजधानी अंकारा में संघ देशों के तुर्की में राजदूतों से बात करते हुए एर्दोगन ने ये बातें कही.

तुर्की के राष्ट्रपति ने कहा, ‘दुर्भाग्य से, यूरोपीय संघ ने कई बड़ी समस्याओं का सामना करने के लिए कोई उल्लेखनीय कदम नहीं उठाया है. विशेष रूप से एक संयुक्त प्रवास नीति, जेनोफोबिया (दूसरे देशों के नागरिकों के प्रति नफरत का भाव) और इस्लाम के प्रति शत्रुता को खत्म करने को लेकर कोई बड़ा कदम नहीं उठाया गया है.’

एर्दोगन ने आगे कहा, ‘जो भी इस मसले की निष्पक्ष समीक्षा कर सकता है, वो इस बात को मानेगा कि यूरोपीय यूनियन जिन मुश्किलों से गुजर रहा है, तुर्की उनसे निपट सकता है. सप्लाई चेन, आतंकवाद, प्रवास, सुरक्षा, रक्षा, जेनोफोबिया, इस्लाम के प्रति शत्रुता, स्वास्थ्य और ऊर्जा जैसे मुद्दों को तुर्की सुलझा सकता है.’

एर्दोगन का कहना है कि ऐसे में यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि तुर्की और EU हर क्षेत्र में अपने रिश्तों का विस्तार करें. इस दौरान एर्दोगन ने ये भी कहा कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से देखा है कि कई बार तुर्की को यूरोपीय संघ में शामिल होने से रोकने की कोशिश की गई है.

राष्ट्रपति ने कहा, ‘तुर्की, जो भौगोलिक और ऐतिहासिक रूप से यूरोप का एक हिस्सा है, EU का सदस्य बनने के अपने लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध है.’

उन्होंने कहा कि सभी ‘अन्यायों’ के बावजूद भी EU में शामिल होना तुर्की की प्राथमिकता है. तुर्की लगातार प्रयास कर रहा है और हमें उम्मीद है कि संघ खुद को ‘रणनीतिक अंधेपन’ से छुटकारा दिलाएगा और तुर्की के साथ संबंध बढ़ाने का हिम्मत भरा काम करेगा.