लखनऊः सऊदी अरब के चौथे बादशाह शाह खालिद बिन अब्दुल अजीज के दौर मेें बैतुल्लाह का दरवाजा डिजाईन करने वाले इन्जीनियर मुनीर अल्जुदी का निधन हो गया है। शाह खालिद ने 1397 हिजरी में बैतुल्लाह के अन्दर नमाज अदा की थी। जिसके बाद उन्होंने बैतुल्लाह का दरवाजा विशुद्ध सोने से तैयार करने की हिदायत की थीं। काबे के दरवाजे को डिजाईन करने के लिये सीरिया से सम्बन्ध रखने वाले इन्जीनियर मुनीर अल्जुदी का चुनाव किया गया जो सीरिया के शहर हम्स मेें पैदा हुये थे। दरवाजे को मक्का मुकर्रमा मेें एक बहुत बडे सोनार शेख महमूद बिन बदर के कारखाने मेें डिजाईन किया गया था। ग़ौरतलब है कि शाह अब्दुल अजीज आले सऊद ने अलबद्र खानदान को बैतुल्लाह का दरवाजा तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी थी। बैतुल्लाह के दरवाजे की तैयारी 1398 हिजरी में हुयी और उस मेें 500 किलोग्राम विशुद्ध सोना इस्तेमाल किया गया। ई0 मुनी अलजुंदी का नाम बैतुल्लाह के दरवाजे पर लिखा गया क्योंकि उन्होंने इसे डिजाईन किया था। हुकूमत सऊदी अरब की इच्छा थी कि बैतुल्लाह के दरवाजे को कोई मुसलमान इंजीनियर डिजाईन कर दे क्योंकि उसका नाम दरवाजे पर लिखा जाना था।

दरवाजे की ऊंचाई तीन मीटर और चौड़ाई दो मीटर है और आधा मीटर के करीब गहरा है। दरवाजा दो किवाड़ों पर है। दरवाजे का फ्रेम मीकामोग लकडी से बना है जो थाईलैण्ड मेें तैयार हुयी है। यह दुनिया की सबसे मंहगी लकड़ी है।