पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार को मंगलवार को बड़ा झटका लगा। चुनाव आयोग ने एनसीपी का नाम और निशान (घड़ी) अजित पवार गुट को दे दिया। इसके साथ ही आयोग ने शरद पवार से 7 फरवरी तक 3 नामों का सुझाव देने को कहा है।

सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि जो शिवसेना के साथ उन्होंने किया, वही हमारे साथ किया। केवल नाम बदला है, कंटेंट वही है। सुले ने कहा कि शरद पवार ने शून्य से NCP की शुरुआत की। उनके पीछे कोई काका या दादा नहीं था। चुनाव आयोग के फैसले में अदृश्य शक्ति का हाथ है। विधायकों की संख्या से पार्टी तय नहीं होती। अदृश्य शक्ति की विजय हुई है। हम फिर से खड़े होंगे।

अजित पवार गुट को एनसीपी का नाम और निशान मिलने पर शरद गुट के नेता जितेंद्र आव्हाड ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि घर का भेदी लंका ढाए। हम अभी भी अजित पवार को दोषी मानते हैं। उन्होंने कहा कि अजित को पार्टी में लेकर डिप्टी सीएम बनाना हमारी बड़ी गलती थी।

चुनाव आयोग के फैसले पर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा कि आयोग ने हमारे वकीलों की दलीलें सुनीं। उसके बाद हमारे पक्ष में फैसला सुनाया। हम इस फैसला का विनम्रतापूर्वक स्वागत करते हैं।

भाजपा नेता और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हमारे महायुति के सहयोगी अजित पवार की पार्टी असली एनसीपी है। चुनाव आयोग ने उन्हें ही पार्टी का नाम और निशाना दिया है। हम इसका स्वागत करते हैं।

अजित पवार गुट के वकील वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि चुनाव आयोग ने अनुकरणीय धैर्य दिखाया। उसने दोनों पक्षों को सुना… फिर उन्होंने फैसला सुनाया। मुझे शुरू से ही पता था कि हम सफल होने जा रहे हैं। सरल शब्दों में कहें तो यह संख्याओं का खेल है। दोनों गुटों में से जिसके पास अधिक विधायक होंगे, जाहिर है वही असली पार्टी होगी। उन्होंने कहा कि यह कोई रॉकेट साइंस नहीं है, लेकिन दूसरा पक्ष इस सवाल को टालता रहा, क्योंकि उन्हें पता था कि संख्याएं उनके पास नहीं हैं।