तौक़ीर सिद्दीक़ी

भारत और न्यूज़ीलैण्ड के बीच मुंबई में खेला जा रहा सीरीज़ का दूसरा और आखरी टेस्ट अब चौथे दिन में प्रवेश कर चूका है, हालाँकि कोहली चाहते तो यह तीसरे दिन ही ख़त्म हो सकता था, खैर इस पर आगे बात करेंगे। फिलहाल तीसरे दिन जब खेल ख़त्म हुआ तो टीम इंडिया की जीत यकीनी हो चुकी है. अब सिर्फ इंद्रदेवता ही न्यूज़ीलैण्ड को बचा सकते हैं और इसके लिए उन्हें पूरे दिन वानखेड़े स्टेडियम पर बारिश करानी पड़ेगी।

आज जब खेल ख़त्म हुआ तो न्यूज़ीलैण्ड की टीम पांच विकेट खोकर 140 रन बना चुकी थी, मतलब वह अभी 400 रन पीछे है. भारत ने दूसरी पारी सात विकेट पर 276 रन बनाकर डिक्लेयर की थी और कीवी टीम को जीत के लिए 541 रनों का टारगेट दिया था.

चलिए विराट कोहली के पारी घोषित करने पर भी कुछ बात कर लेते हैं. शनिवार को जब न्यूज़ीलैण्ड की टीम पहली पारी में भारत के 325 रनों के मुकाबले सिर्फ 62 रनों पर आउट हो गयी थी तब हर कोई यही सोच रहा था कि कोहली न्यूज़ीलैण्ड को फॉलोऑन के लिए कहेंगे, मगर ऐसा नहीं हुआ और कोहली ने पारी से हराने की जगह न्यूज़ीलैण्ड को रनों के अंतर से हराना सही समझा। हालाँकि इस फैसले से सभी हैरान थे. कुछ पूर्व खिलाडियों ने कहा कि कोहली आगामी दक्षिण अफ्रीका के दौरे को देखते हुए बल्लेबाज़ों को मैच प्रैक्टिस देना चाह रहे हैं . ऐसा हो भी सकता है. मगर मेरा सोचना थोड़ा अलग है, मेरे हिसाब से कोहली के इस फैसले के पीछे कहीं न कहीं कमर्शियल एंगल है. मेरे हिसाब से अगर कोहली फॉलोऑन के लिए कहते तो इस बात की पूरी सम्भावना थी कि 62 रनों पर ढेर होने वाले न्यूज़ीलैण्ड के बल्लेबाज़ दबाव में फिर जल्दी ढेर हो सकते थे और मैच तीसरे दिन ही समाप्त हो सकता था. यकीनन इसका असर स्पॉंसर्स और विज्ञापनदाताओं पर पड़ता, यानि की मिलने वाला पैसा प्रभावित होता और आज के दौर में पैसा क्रिकेट पर भारी है, यह सभी जानते हैं. अभी मैच कम से कम चौथे दिन तो पहुँच ही गया है.

चलिए मैच पर आते हैं और बात करते हैं एजाज़ यूनुस पटेल की जो इस मैच में रिकॉर्ड पर रिकॉर्ड बनाते जा रहे हैं. पारी में 10 विकेट का तारीखी कारनामा तो उन्होंने अंजाम दिया ही, दूसरी पारी में चार विकेट और झटक उन्होंने एक और विशिष्ट रिकॉर्ड बनाया । एजाज़ पटेल अब ऐसे ग़ैरमुल्की गेंदबाज़ बन गए हैं जिन्होंने भारत के खिलाफ मैच में सबसे ज़्यादा यानी 14 विकेट हासिल किये हैं, इससे पहले यह रिकॉर्ड इंग्लैंड के आलराउंडर इयान बॉथम के नाम था जिन्होंने फरवरी 1980 में मुंबई में 13 विकेट हासिल किये थे.

एजाज़ पटेल अपने मुल्क के लिए मैच में सबसे ज़्यादा विकेट हासिल करने वाले गेंदबाज़ भी बन सकते थे मगर भारत ने पारी घोषित कर दी, अगर वह दो विकेट और प्राप्त कर लेते तो वह महान सर रिचर्ड हैडली के रिकॉर्ड को ब्रेक कर देते जिनका मैच में बेस्ट बॉलिंग फिगर 123 रनों पर 15 विकेट का है जो उन्होंने 1985 में रिचर्ड हैडली ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बनाया था.

एक और बात मैं न्यूज़ीलैण्ड के ऑफ स्पिनर विलियम समरवेल के लिए कहूंगा। उनके लिए यह सीरीज़ एक नाइटमेयर साबित हुई, उन्होंने दोनों टेस्ट खेले, 69 ओवर फेंके, 228 रन दिए, फिर भी खाली हाथ रहे. न्यूज़ीलैण्ड वाले इन्हें बड़ी उम्मीद से भारत लाये थे. समरवेल एजाज़ पटेल की तरह इस सीरीज़ को कभी नहीं भूलेंगे, बस दोनों इसे अलग तरह से याद करेंगे।

चलिए बात को यहीं ख़त्म करते हैं, देखना है कल न्यूज़ीलैण्ड के बल्लेबाज़ भारत के स्पिनरों का कितनी देर तक मुकाबला करते हैं. भारत की जीत तो यक़ीनी है बस बात अंतर की है, वैसे यह पारी का अंतर होता तो और मज़ा आता.