हमीरपुर:
जनपद में चल रहे राष्ट्रीय अल्जाइमर डिमेंशिया जागरूकता सप्ताह के तहत शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने कम्हरिया स्थित एक धार्मिक स्थान पर जागरूकता शिविर लगाया। इस मौके पर लोगों को बताया गया कि मानसिक विकारों से ग्रसित मरीजों के लिए जितनी दुआ की आवश्यकता है उतना ही दवा भी जरूरी है। इसकी अनदेखी करने से समस्या बढ़ सकती है।

जनपद में इस समय राष्ट्रीय अल्जाइमर डिमेंशिया जागरूकता सप्ताह चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव-गांव भ्रमण कर लोगों को मानसिक विकारों के प्रति जागरूक कर रही है। शुक्रवार को जिला अस्पताल की साइको थेरिपिस्ट डॉ.नीता, कम्युनिटी नर्स प्रगति गुप्ता ने मौदहा ब्लाक के कम्हरिया गांव स्थित एक धार्मिक स्थल पर शिविर लगाकर मानसिक विकारों के प्रति जागरूक किया। यहां मौजूद लोगों को मानसिक विकारों के प्रकारों के पंफलेट वितरित किए गए। साथ ही इनसे बचाव के लक्षणों के बारे में जानकारी दी गई। साथ ही मरीजों और उनके तीमारदारों को बताया गया कि मानसिक रोग न तो कलंक हैं और न ही विचित्र हैं। यह एक प्रकार का विकार है, जो नियमित उपचार से ठीक हो जाता है।

डॉ.नीता ने बताया कि एक दर्जन से अधिक मानसिक मरीजों को कानपुर में उपचार कराने की सलाह दी गई। कुछ मरीजों को जिला अस्पताल के मन:कक्ष में काउंसिलिंग के लिए बुलाया गया है। उन्होंने बताया कि मिर्गी रोग से ग्रसित मरीज भी मिले हैं। मानसिक मंदता, स्किजोफ्रेनिया, डिप्रेशन, एंजायटी के भी कई रोगी मिले।

मानसिक बीमारियों के लक्षण

  • नींद न आना, मन स्थिर न रहना।
  • बड़ी-बड़ी बातें करना।
  • खुद से बातें करना।
  • अपनी दुनिया में खोये रहना।
  • मन उदास रहना।
  • काम में मन न लगना।
  • दूसरों को न सुनाई देने वाली काल्पनिक आवाजें सुनाई देना।
  • अजीब से विचार एवं गलत मान्यताएं कितना भी समझाने पर नहीं बदलना।