कौमी एकता रक्तदान फाउंडेशन ने आयोजित किया रक्तदान शिविर

हमीरपुर
आजादी के अमृत महोत्सव के मद्देनजर गुरुवार को जिला अस्पताल में कौमी एकता रक्तदान फाउंडेशन के बैनर तले जरूरतमंदों के लिए रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिलाधिकारी डॉ.सीबी त्रिपाठी ने रक्तदान को पुनीत कार्य बताते हुए फाउंडेशन के प्रयासों की सराहना की। इस मौके पर फाउंडेशन से जुड़े सदस्यों व इच्छुक लोगों ने रक्तदान किया। साथ ही भविष्य में आवश्यकता पड़ने पर रक्तदान करने का संकल्प लिया।
जिलाधिकारी ने कहा एक यूनिट रक्तदान से किसी की जान बचाई जा सकती है, इससे महान और क्या कार्य होगा। उन्होंने नि:स्वार्थ भाव से फाउंडेशन के सदस्यों द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। इस मौके पर फाउंडेशन के संरक्षक/अध्यक्ष जिरगाम सिद्दीकी की अगुवाई में 22 लोगों ने रक्तदान किया। साथ ही भविष्य में किसी जरूरतमंद की मदद के लिए रक्तदान करने का संकल्प भी लिया।

रक्तदान करने वालों सुनील नाहर, शलभ गुप्ता, मुजाहिद हुसैन, गायत्री राय, शिवाकांत निषाद, कुलदीप निषाद, गुफरान रियाज़, इस्माइल खान, हाशिम कुरैशी, आनंद निषाद, डॉ.अमित सचान, इमरान अली बेरी, याकूब मोहम्मद, इदरीश अली, सुरेंद्र कुमार, ओमकार निषाद ,साहिल खान, अखिलेश कुमार, मोहम्मद तौसीफ एडवोकेट, इब्राहिम हाशमी, सैय्यद उमर, सद्दाम हुसैन, आशु निषाद आदि थे।

कार्यक्रम में सीएमओ डॉ.एके रावत, सीएमएस डॉ.केके गुप्ता, फिजीशियन डॉ.आरएस प्रजापति सहित फाउंडेशन के हुसैन रिज़वी, अकबर अली, सद्दाम हुसैन, सफदर अली, बाबू अंसारी, अजय निषाद, विमल कुमार निषाद, फारूख शेख, अकील अहमद, सैय्यद मुज्जमिल, रशीद खान, सुरेश निषाद, स्वप्नि सोनी आदि मौजूद रहे।

छह सालों से कर रहे जरूरतमंदों की मदद
फाउंडेशन के संस्थापक/अध्यक्ष जिरगाम ने बताया कि वर्ष 2016 में संस्था की स्थापना कर लोगों को रक्तदान के प्रति जागरूक किया। तब से लेकर अब तक संस्था तीन हजार से अधिक लोगों को ब्लड मुहैया कराकर उनकी सहायता कर चुकी है। यह सिलसिला जारी है। 100 से अधिक यूनिट कानपुर, बांदा, महोबा, झांसी, उरई, लखनऊ, प्रयागराज जैसे जिलों में उपलब्ध कराया गया।

जरूरतमंदों को बगैर डोनर देते हैं ब्लड
ब्लाक बैंक के प्रभारी हरेंद्र यादव ने बताया कि जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में 100 यूनिट तक ब्लड को सुरक्षित रखा जा सकता है। यहां पर्याप्त मात्रा में ब्लड की उपलब्धता रहती है। ज्यादातर बी पॉजिटिव ग्रुप की डिमांड आती है। अन्य रियेर ग्रुप के ब्लड की डिमांड आने पर स्वयं सेवी संस्थाओं की मदद ली जाती है। जिनके पा डोनर नहीं होते हैं या अन्य समस्याएं होती हैं उन्हें बगैर रक्त दिए ही रक्त दिया जाता है।