टीम इंस्टेंटखबर
पश्चिम बंगाल में भाजपा नेताओं के सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस में जाने के बीच बंगाल भाजपा प्रमुख दिलीप घोष को पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख के पद से हटा दिया गया है.
मई के चुनाव परिणामों के बाद से कम से कम तीन विधायक और एक सांसद ने भाजपा को छोड़कर टीएमसी का दामन थामा है. भाजपा के लिए नेताओं का पलायन एक बड़ी परेशानी के रूप में देखा जा रहा है.
57 वर्षीय दिलीप घोष को अपने नेतृत्व के पुनर्गठन में पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है. पार्टी सांसद सुकांता मजूमदार को बंगाल इकाई के प्रमुख का पद संभालने के लिए कहा गया है.
प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर दिलीप का कार्यकाल इसी साल खत्म हो रहा है. बीजेपी की परंपरा के अनुसार यदि कोई दो बार प्रदेश अध्यक्ष के पद पर रहता है तो वह इस पद अब नहीं रह सकता. जिसके बाद से कई नामों की चर्चा चल रही थी. हाल ही में बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) ने दिलीप घोष से पार्टी के नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए नाम प्रस्तावित करने को कहा था.
तब खुद दिलीप ने बालुरघाट के सांसद सुकांत मजूमदार के नाम का प्रस्ताव रखा था. हालांकि उस लिस्ट में कुछ और नाम थे, लेकिन सुकांत मजूमदार सबसे आगे थे. सुकांत मजूमदार को दिलीप घोष का करीबी माना जाता है. हालांकि सुकांत कई अन्य लोगों की तुलना में कोई जाना-पहचाना चेहरा नहीं हैं. हालांकि, उन्होंने बार-बार अपने क्षेत्र में संगठनात्मक क्षमता दिखाई है.
294 राज्यों में से 200 से अधिक सीटों पर जीत के बाद, ममता बनर्जी की पार्टी ने भाजपा को केवल 77 सीटों तक सीमित कर दिया था.
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