लखनऊ
भाकपा (माले) ने हरिद्वार में धर्म संसद के नाम पर हुए आयोजन में भड़काऊ भाषण देने वालों को गिरफ्तार करने के बजाय सत्ता संरक्षण देने के खिलाफ शनिवार को राज्यव्यापी विरोध दिवस मनाया।

राज्य सचिव सुधाकर यादव ने बताया कि पार्टी ने जिलों में धरना-प्रदर्शन कर जूना अखाड़ा प्रमुख यति नरसिंहानंद समेत भड़काऊ भाषण करने के सभी आरोपियों को जेल भेजने और धर्म के नाम पर लोकतंत्र व संविधान को क्षति पहुंचाने वाले इस तरह के आयोजनों को
भविष्य में इजाजत न देने की मांग की। इस आशय का ज्ञापन जिला प्रशासन के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजा गया।

राजधानी लखनऊ में भाकपा (माले) ने हजरतगंज चौराहा स्थित अम्बेडकर प्रतिमा पर प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा।

वक्ताओं ने कहा कि गत 17-19 दिसंबर को हरिद्वार में धर्म संसद के नाम पर हुए आयोजन में मंच से जिस तरह की बातें हुई, वे केवल घृणा फैलाने और खुलेआम हिंसा भड़काने की बातें थीं। मुस्लिम अल्पसंख्यकों का नरसंहार करने और हिंसा करने के लिए आतंकवादी बनने तक का आह्वान किया गया, जो सीधे-सीधे देश तोड़ने का षड्यंत्र है।

नेताओं ने कहा कि लगभग सभी वक्ताओं ने खुलेमंच से हिंसा भड़काने और दूसरे धर्म के लोगों की हत्या करने वालों को इनाम तक देने की बातें कही। लेकिन जानकारी में आया है कि पुलिस ने तीन व्यक्तियों को आरोपी बनाया है और कोई गिरफ्तारी नहीं की है। इससे आरोपियों को सत्ता संरक्षण की बू आती है।

यही नहीं, धार्मिक उन्माद व आतंकवाद फैलाने वाली ऐसी ‘धर्म संसदों’ को अब यूपी के अलीगढ़ समेत देशभर में आयोजित करने का ऐलान किया गया है। यह भाजपा को चुनावी लाभ पहुंचाने के लिए संघ (आरएसएस) की परियोजना के तहत हो रहा है।

प्रतिवाद कार्यक्रम वाराणसी, चंदौली, मिर्जापुर, सोनभद्र, गाजीपुर, आजमगढ़, देवरिया, रायबरेली, सीतापुर, जालौन, मुरादाबाद, मथुरा आदि जिलों में भी हुए।