पेरिस: दुनिया भर में कोरोना वायरस की वजह से मरने वालों का आंकड़ा 2.515 लाख पार कर चुका है। कोरोना वायरस के कारण सबसे ज्यादा मौतें अमेरिका में हुई हैं। यहां 12.22 लाख लोग इससे संक्रमित हैं जबकि 71,148 लोगों की मौत हो चुकी है। अमेरिका के बाद कोरोना संक्रमितों की सबसे अधिक संख्या स्पेन में है, जहां 2.50 लाख से अधिक लोग इस वायरस से संक्रमित हैं। वहीं अमेरिका का कहना है कि कोरोना संबंधित राहत पैकेज के कारण उसका बजट बढ़ गया है और उसे दूसरी तिमाही में रिकॉर्ड 30 खरब डॉलर कर्ज़ लेना होगा। वहीं पूरी दुनिया कोरोना की चपेट में आने ववालों की संख्या बढ़कर 3,693,884 हो गयी है, इनमें से 2,214,189 सक्रिय मामले हैं जबकि 1,224,100 लोग उपचार के बाद ठीक हो चुके हैं|

दुनिया भर में कोरोना के सबसे ज्यादा मामले अमेरिका में हैं। यहाँ 12.22 लाख से ज्यादा लोगों में कोरोना संक्रमण की अब तक पुष्टि हो चुकी है और 71,148 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी है कि मरने वालों की संख्या एक लाख के करीब पहुँच सकती है। यहां कोरोना से सबसे ज्यादा मौतें न्यूयॉर्क में हुई हैं।

राष्ट्रपति रिचैप तैय्यप अर्दोआन ने तुर्की में मध्य मई तक लॉकडाउन की पाबंदियों में छूट देने की बात कही है। इसके अंतर्गत कुछ दुकानों, हेयर सैलून और मार्केटिंग सेंटर 11 मई को खोले जाएंगे। वहीं, युनिवर्सिटीज़ 15 जून तक बंद रहेंगी। 65 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों को 10 मई के बाद कुछ घंटों के लिए ‘पैदल कुछ दूर तक’ चहल-कदमी करने की अनुमति होगी। बच्चों के ऊपर भी यही नियम लागू होगा। तुर्की के 31 शहरों में पिछले कुछ हफ्तों से कर्फ़्यू लगा हुआ है।

ब्रिटेन के अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि यह देखना बिल्कुल तर्कसंगत होगा कि अगले चरण में अलग-अलग आयु समूह के लोगों के ऊपर पाबंदियों का असर क्या हो सकता है। प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के प्रवक्ता ने ध्यान दिलाया कि पहले से ही सत्तर साल के उम्र के अधिक लोगों के लिए खास ध्यान रखने की बात कही गई है और साथ में ही उन्हें कम से कम लोगों के संपर्क में रहने को कहा गया है। इस आयु समूह के लोगों के ऊपर सबसे ज्यादा जोखिम है।

फ्रांस 11 मई से अपने यहाँ पाबंदियों में छूट देने जा रहा है लेकिन धार्मिक जलसों पर 2 जून तक प्रतिबंध रहेगा, लेकिन यदि लॉकडाउन में मिली छूट के नतीजे के फलस्वरूप संक्रमण के मामलों में अधिक वृद्धि नहीं होती है तो फ्रांस इस समय सीमा से पहले ही धार्मिक आयोजनों में भी छूट दे सकता है।