टीम इंस्टेंटखबर
उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस कार्यसमिति की रविवार शाम को बैठक हुई थी. करीब चार घंटे तक चली इस मैराथन बैठक के बाद कांग्रेस की तरफ से बचाया गया कि लीडरशिप में कोई बदलाव नहीं होगा और सोनिया गांधी ही कांग्रेस की कार्यवाहक अध्यक्ष बनी रहेंगी.

बैठक के बाद रणदीप सुरजेवाला और के सी वेणुगोपाल द्वारा बताया गया कि सोनिया गांधी के नेतृत्व में सीडब्ल्यूसी ने भरोसा जताया है. उनसे संगठनात्मक बदलाव की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का अनुरोध किया गया है. नेतृत्व के प्रति भरोसा जताते हुए प्रस्ताव पारित किया गया है और संगठनात्मक बदलावों को आगे ले जाने का निर्णय़ लिया गया. सूत्रों की ओर से यह भी कहा गया है कि कांग्रेस दोबारा से चिंतन शिविर आयोजित करेगी. इसकी तारीखों को लेकर जल्द निर्णय़ किया जाएगा. कांग्रेस का आखिरी चिंतन शिविर 2013 में जयपुर में आयोजित किया गया था.

केसी वेणुगोपाल ने कहा, कांग्रेस की बैठक चुनाव नतीजों को लेकर हुई. वरिष्ठ नेताओं ने परिणामों पर गंभीरता से विचार किया. बैठक में सोनिया गांधी के नेतृत्व पर फिर से भरोसा जताया गया. वरिष्ठ नेताओं के साथ संसद का सत्र खत्म होने के बाद चिंतन शिविर होगा.

बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी भी शामिल हुई थीं. वहीं असंतुष्ट धड़े जी-23 के नेता गुलाम नबी आजाद आदि भी बैठक में पहुंचे थे.

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश, गोवा, मणिपुर, पंजाब और उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार हुई है. पंजाब में तो उसने सत्ता गंवा दी. पंजाब में कांग्रेस सिर्फ 18 सीटों पर सिमट गई है. जबकि 403 सीटों वाले यूपी में उसे सिर्फ दो सीटें मिली हैं. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने यहां चुनाव अभियान की कमान अपने हाथों में ली थी. प्रियंका गांधी ने यूपी में महिला वोटरों को अपनी ओर खींचने के लिए ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ जैसा बड़ा कंपेन भी चलाया था.