बिजनेस ब्यूरो
कच्चे तेल के दाम गुरुवार को 119 डॉलर प्रति बैरल के पार जा पहुंचा है. मई 2012 के बाद से कच्चे तेल के दाम का ये सबसे उच्चतम स्तर है. रूस के रिफाइनरी पर अमेरिका के प्रतिबंधों, कच्चे तेल के सप्लाई में रुकावटें और अमेरिकी स्टॉक्स में गिरावट के चलते कच्चे तेल की कीमतें एक दशक के उच्चतम स्तर 120 डॉलर प्रति बैरल के करीब जा पहुंचा है. ब्रेंट क्रूड की कीमतें 119.84 डॉलर प्रति बैरल तक जा पहुंचा है.

अंतरराष्ट्रीय रिसर्च एजेंसियों की मानें तो कच्चे तेल के दाम और बढ़ने के आसार है. Goldman Sachs ने कहा था कि 2022 में कच्चे तेल के दाम 100 डॉलर प्रति बैरल को छू सकता है और ये भविष्यवाणी सत्य हो चुकी है अब उसकी 115 डॉलर प्रति बैरल के कच्चे तेल की भविष्यवाणी भी सच साबित हुई है. JP Morgan ने तो 125 डॉलर प्रति बैरल और 2023 में 150 डॉलर प्रति बैरल तक दाम छूने की भविष्यवाणी की है.

कच्चे तेल के दामों में आग लगी है. 2022 में कच्चे तेल के दामों में 40 फीसदी से ज्यादा का उछाल आ चुका है, बीते दो महीने से लगातार कच्चे तेल के दामों में तेजी देखी जा रही है. एक दिसंबर 2021 को कच्चे तेल के दाम 68.87 डॉलर प्रति बैरल था. जो अब 120 डॉलर प्रति बैरल के करीब कारोबार कर रहा है. कच्चे तेल के दामों में ये इजाफा भारतीयों को सबसे ज्यादा परेशान कर रहे है जो खपत के लिए आयात पर निर्भर है. भारत अपने ईंधन खपत का 80 फीसदी आयात करता है.