लखनऊ। भाकपा (माले) ने प्रयागराज के करछना में गत 29 जून को दलितों-आदिवासियों के उत्पीड़न की हुई घटना के खिलाफ मंगलवार को राज्यव्यापी प्रतिवाद दिवस मनाया।

पार्टी ने घटना के सिलसिले में प्रयागराज की जेल में बंद लगभग 75 दलित-आदिवासी नौजवानों की बिना शर्त अविलंब रिहाई और मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।

राज्यव्यापी आह्वान पर आज प्रयागराज में जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपने गए प्रदर्शनकारियों में प्रमुख रुप से शामिल पार्टी के राज्य समिति सदस्य, आइसा प्रदेश अध्यक्ष व इलाहाबाद विवि के छात्र नेता मनीष कुमार के साथ कलेक्ट्रेट परिसर में पुलिस द्वारा मारपीट करने, कालर पकड़ कर घसीटने, कपड़े फाड़ने और गिरफ्तारी की धमकी देने की पार्टी के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने कड़ी निंदा की है।

उन्होंने युवा नेता के साथ मारपीट की अगुवाई करने वाले एसीपी (कर्नलगंज) के खिलाफ प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर और प्रदेश के गृह सचिव को लिखित शिकायत भेज कर कार्रवाई की मांग की है। प्रदर्शन में करछना के पीड़ित परिवार भी शामिल थे। पुलिस ने उनके साथ भी झड़प की और उन्हें प्रदर्शन करने से रोका।

प्रतिवाद दिवस पर प्रयागराज के अलावा अन्य जिलों में भी मार्च निकाल कर और प्रदर्शन कर प्रतिनिधिमंडल के माध्यम से मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन अधिकारियों को सौंपे गए। चंदौली, गाजीपुर, मिर्जापुर, सोनभद्र, बनारस, बलिया, गोरखपुर, महाराजगंज, आजमगढ़, मऊ, बस्ती, लखनऊ, रायबरेली, लखीमपुर खीरी, पीलीभीत, जालौन, मथुरा आदि जिलों में प्रतिवाद दिवस मनाया गया।

गौर तलब है कि प्रयागराज जिले में करछना थाना क्षेत्र के इसौटा गांव और उससे लगे भडेवरा बाजार में बीते 29 जून को भीम आर्मी प्रमुख व सांसद चंद्रशेखर के आगमन के मौके पर दलितों-आदिवासियों पर भीषण हमले की घटना हुई थी। हमला स्थानीय प्रभावशाली सवर्ण दबंगों द्वारा पुलिस संरक्षण में किया गया। घटना में एकतरफा कार्रवाई करते हुए लगभग 75 दलित-आदिवासी नौजवानों को गंभीर धारा लगाकर जेल भेज दिया गया है।

घटना वाले दिन सांसद इसौटा गांव के एक पीड़ित दलित परिवार से मिलने जाना चाहते थे। इस परिवार के सदस्य देवीशंकर को 12 अप्रैल 2025 को गांव के ही सवर्ण दबंगों ने जला कर मार डाला था। पीड़ित परिवार आज भी न्याय की आस में है।

प्रशासन द्वारा सांसद को पीड़ित परिवार से मिलने की इजाजत न देने और उन्हें प्रयागराज में ही रोक लेने पर, उनके इंतजार में एकत्र हुए लोगों ने निकट के भडेवरा बाजार में सड़क जाम कर शांतिपूर्ण विरोध किया, जिस पर दबंगों ने पुलिस के साथ मिलकर हमला कर दिया। गाड़ियों को तोड़ा और जलाया गया। इस घटना के कई वीडियो में पुलिस के साथ स्थानीय दबंगों द्वारा पत्थर मारने व गाड़ी तोड़ने का फुटेज साफ-साफ दिखता है।

लेकिन न तो इन हमलावरों और न ही इसमें संलिप्त पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की गई। बल्कि एकतरफा कार्रवाई करते हुए लगभग 75 दलित-आदिवासी नौजवानों को गंभीर धारा लगाकर जेल भेज दिया गया है।

भाकपा (माले), आइसा व इंकलाबी नौजवान सभा की संयुक्त जांच टीम ने गत 01 जुलाई को घटनास्थल का दौरा किया और उक्त तथ्य जुटाए। बाद में, प्रयागराज के नागरिक समाज की ओर से भी जांच दल गया और दलितों-आदिवासियों पर हमले और उनके दोहरे उत्पीड़न की घटना को सत्य पाया।

प्रतिवाद दिवस पर मुख्यमंत्री को भेजे गए ज्ञापन में निर्दोषों की रिहाई व घटना की उच्च स्तरीय जांच के अलावा फर्जी मुकदमे हटाने, घटना में लिप्त दबंगों व पुलिस-प्रशासन के लोगों पर कार्रवाई करने, मृतक देवीशंकर के परिवार को न्याय, मुआवजा, जमीन व एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने और प्रदेश में दलितों, आदिवासियों, महिलाओं, अल्पसंख्यकों समेत कमजोर वर्गों के उत्पीड़न पर रोक लगाने की मांग की गई।