टीम इंस्टेंटखबर
चंडीगढ़: पिछले साल जनवरी में दिल्ली स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया में CAA के खिलाफ प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने वाले शख्स को कोर्ट ने सख्त टिप्पणियों के साथ ज़मानत देने से साफ़ इंकार कर दिया। इस 19 वर्षीय शख्स को नफरत से भरा भाषण देने के आरोप में इसी हफ्ते हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तार किया था. पटौदी में आयोजित एक सभा में उसने एक विशेष धर्म की लड़कियों के अपहरण और हत्या का आग्रह करने से जुड़ी टिप्पणी की थी. उस कार्यक्रम में हरियाणा BJP प्रवक्ता और करणी सेना के अध्यक्ष सूरज पाल अमू ने भी हिस्सा लिया था.

गुड़गांव की अदालत ने आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा, ‘घटना की वीडियो रिकॉर्डिंग देखकर वह पूरी तरह से स्तब्ध है. इन लोगों को अगर मौका दिया गया तो वे अपनी धार्मिक घृणा के आधार पर निर्दोष लोगों की जान लेने के लिए सामूहिक हत्या का आयोजन करेंगे.’

अदालत ने आगे कहा, ‘अदालत में पेश हुआ आरोपी कोई साधारण, निर्दोष युवा लड़का नहीं है. उसने बताया है कि उसने अतीत में क्या किया है और वह अब बिना किसी डर के अपनी नफरत को अंजाम देने में सक्षम बन गया है. कोर्ट ने कहा, ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता किसी भी लोकतांत्रिक देश का एक अभिन्न अंग है, हालांकि, किसी को भी लोगों को भड़काने की अनुमति नहीं दी जा सकती.’

मानेसर के डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस वरुण सिंगला के मुताबिक आरोपी के खिलाफ आईपीसी के विभिन्न प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है, जिसमें धारा 153 ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 295 ए (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य, जिसका उद्देश्य किसी भी वर्ग की धार्मिक भावना और विश्वास को लेकर अपमान करना) शामिल है.