तेहरान: विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ ने स्पष्ट किया है कि कुछ भी हो जाए कोरोना वायरस की महामारी से बचाव की वैक्सीन 2021 तक तैयार नहीं हो सकती।

विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से यह ब्योरा एक ऐसे समय में सामने आया है कि जब हाल ही में अमरीकी संस्था फ़ूड एंड ड्रग एड्मिनिस्ट्रेशन “एफ़डीए” ने बायोटेक कंपनी मोड्रीना को तैयार वैक्सीन के परीक्षण के दूसरे चरण की अनुमति दी है।

एफ़डीए ने कुछ दिन पहले ही मोड्रीना को अपनी तैयार वैक्सीन के दूसरे परीक्षणीय चरण शुरु करने की अनुमति दी थी, मोड्रीना वह पहली कंपनी थी जिसने मार्च में इन्सानों पर अपनी वैकस्न का परीक्षण शुरु कर दिया था।

उक्त कंपनी ने वैक्सीन के मानवीय ट्रायल के पहले चरण को हाल ही में पूरा किया जिसका लक्ष्य इस वैक्सीन के सुरक्षित होने और मात्रा के बारे में समझना था और अब दूसरे चरण में शोधकर्ता इसके लाभ और नुक़सान का परीक्षण 600 लोगों पर करेंगे।

विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ के प्रवक्ता के अनुसार नई वैक्सीन के परीक्षण के तीन चरण होते हैं जिसके बाद दो अन्य चरण होते हैं और इन समस्त चरणों को पूरा करने में डेढ़ साल का समय लग जाएगा और यूं कोई भी वैक्सीन 2021 की समाप्ति से पहले उपलब्ध नहीं होगी।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अलर्ट और रिस्पांस सेन्टर के प्रमुख डाक्टर डील फ़िशर ने सीएनबीसी से बात करते हुए कहा कि कोरोना से बचाव की वैक्सीन के परीक्षण का दूसरा और तीसरा चरण पहले चरण से अधिक कठिन होता है और इसमें बहुत समय लगता है।