नई दिल्ली: कोरोना वैक्सीन को लेकर एक नया अपडेट आया है. ब्रिटिश सरकार द्वारा गठित वैक्सीन वर्कफोर्स के प्रमुख केट बिंघम के मुताबिक इस साल के अंत तक वैक्सीन आ सकती है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि अगर इस साल के अंत तक वैक्सीन संभव नहीं हो सकी तो यह अगले साल के मध्य तक ही संभव हो पाएगा. बिंघम ने इससे जुड़ी जानकारी लैनसेंट की 27 अक्टूबर की रिपोर्ट में प्रकाशित किया है. लैनसेंट की रिपोर्ट में है कि जो लोग बहुत गरीब और कम शिक्षित हैं, कोरोना के कारण उनके हॉस्पिटलाइजेशन की संभावना अधिक होती है और उनके मरने की संभावना भी 1.9 गुना अधिक है.

ब्रिटेन कोरोना महामारी से निपटने के लिए वैक्सीन बनाने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है. इसके लिए ब्रिटिश सरकार के चीफ साइंटिफिक एडवायजर सर पैट्रिक वैलेंस ने वैक्सीन टास्कफोर्स बनाया. वैक्सीन टास्कफोर्स को मई में डिपॉर्टमेंट फॉर बिजनस, एनर्जी एंड इंडस्ट्रियल स्ट्रेटजी के तहत गठित किया गया था और इसके प्रमुख के तौर पर केट विंघम को नियुक्त किया गया था. विंघम सीधे ब्रिटिश प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करते हैं. ब्रिटिश प्रधानमंत्री के अलावा वह डिप्टी चेयर क्लाइव डिक्स को रिपोर्ट करते हैं. इस टास्कफोर्स का लक्ष्य जल्द से जल्द ब्रिटिशों को वैक्सीन उपलब्ध कराना है और दुनिया भर के अन्य लोगों को को उपलब्ध कराने के लिए साझेदारी करना है.

कोरोना महामारी से निपटने के लिए दुनिया भर के वैज्ञानिक वैक्सीन बनाने की कोशिश कर रहे हैं. भारत में भी इसे बनाने की कोशिश जारी है. बॉयोटेक के एग्जेक्यूटिव डाटरेक्टर के मुताबिक अगर सब कुछ योजना के मुताबिक चलता रहा तो अगले साल की दूसरी तिमाही यानी जून 2021 तक कोवैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी. देश भर के सभी लोगों को वैक्सीन जल्द से जल्द सुनिश्चित करने के लिए सरकार देश भर के सभी सरकारी और निजी हेल्थ वर्कर्स का डेटाबेस तैयार कर रही है. यह डेटाबेस इस शुक्रवार तक सभी राज्य केंद्र सरकार के पास उपलब्ध कराएगी.