नई दिल्लीः हाथरस में 20 वर्षीय दलित लड़की के साथ कथित बलात्कार की घटना को लेकर राजनीतिक पैतरेबाजी शुरू हो गयी है। पैतरेबाजी का बड़ा कारण वह शपथ पत्र है जो उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल किया गया है।

एक तरफ कानूनी लड़ाई तो दूसरे तरफ सरकार पर आरोप लग रहा है कि वह दलितों को दबाने के लिए ठाकुरों को आगे कर इसे जातीय विवाद में धकेलने का काम कर रही है ताकि पूरे मामले में लीपापोती की जा सके। यह आरोप कांग्रेस ने उस शपथ पत्र के आधार पर लगाते हुए कहा है।

कांग्रेस की महा सचिव रजनी पाटिल, सुष्मिता देव और सुप्रिया श्रीनेते ने दस्तावेज़ के संलग्न प्रपत्रों का उल्लेख किया और कहा कि शपथ पत्र में अमेरिका में हुए नस्ल भेद के मामले में जो दस्तावेज़ दाखिल किये गए उसी की नक़ल कर सर्वोच्च न्यायलय में उत्तर प्रदेश सरकार ने अपना शपथ पत्र दाखिल किया है।

सुप्रिया श्रीनेते ने शपथ पत्र के अनेक अंशों को पढ़कर सुनाया और यह साबित करने की कोशिश की कि राज्य सरकार का शपथ पत्र महज कॉपी पेस्ट है जिसके आधार पर राज्य सरकार के खिलाफ अदालत की अवमानना का मामला दर्ज होना चाहिए।

दूसरी ओर योगी सरकार बार बार यह साबित करने में जुटी है कि दलित लड़की के साथ बलात्कार जैसी कोई घटना हुई ही नहीं। सरकार के समर्थन में ठाकुर समुदाय का एक बड़ा हुजूम हाथरस में लामबंद हो कर सरकार की पैरवी करता रहा, धारा 144 लागू होने के बावजूद इस हुजूम को स्थानीय प्रशासन का पूरा समर्थन प्राप्त था।

कांग्रेस सहित समूचे विपक्ष ने कड़ी आपत्ति उठाते हुए योगी सरकार को बे नक़ाब करने का फैसला किया है। कांग्रेस नेताओं ने घोषणा की कि योगी सरकार झूठ बोल कर जिस तरह मामले को दबाना चाहती है कांग्रेस ऐसा नहीं होने देगी और प्रदेश भर में योगी सरकार के खिलाफ मुहिम चलाएगी।

सर्वोच्च न्यायालय ने भी इस मामले में कड़ी टिप्पणी की और पूछा कि पीड़ित परिवार और गवाहों को सुरक्षा देने के मामले में राज्य सरकार क्या कर रही है। इधर कांग्रेस ने पूछा कि जब उच्च न्यायालय इस मामले की सुनवाई कर रहा है तो राज्य सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में नोटिस न जारी होने के बावजूद शपथ पत्र क्यों दाखिल किया।

कांग्रेस ने यह सवाल भी उठाया कि प्रदेश सरकार इसे अंतर्राष्ट्रीय साजिश तथा राज्य में दंगा फैलाने का षडयंत्र बता रही है , वे साबित करे कि ये कौन सा षडयंत्र है , कहीं योगी सरकार षडयंत्र के बहाने तथ्यों को छुपाने की कोशिश तो नहीं कर रही।