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देश के लोकतंत्र को बचाने के लिए एवं युवाओं के सुरक्षित भविष्य और उनके सम्मान के लिए राजधानी दिल्ली में हजारों कांग्रेस कार्यकर्ताओं एवं नेताओं ने आज भी अग्निवीर भर्ती प्रक्रिया के विरोध में प्रदर्शन जारी रखा।सत्ता के इशारे पर दिल्ली पुलिस ने क्रूरता एवं बर्बरता की हदें पार कर दी। जबरन लोगों को रोका गया, मारा-पीटा गया और, गिरफ्तार कर लिया गया। महिलाओं के साथ अपमानजनक व्यवहार कर धक्का-मुक्की कर चोट पहुंचाई गयी। लोकतंत्र में असहमति का सम्मान संविधान की खूबसूरती है। असहमति से संवाद उत्पन्न होता है, और सकारात्मक संवाद से बेहतर कानून बनने का मार्ग प्रशस्त होता है। दुर्भाग्य है कि मोदी सरकार असहमति की हर आवाज को पुलिस, सी.बी.आई., ईडी, आदि संवैधानिक संस्थाओं के दुरूपयोग से कुचलने का कुत्सित षड़यंत्र कर रही है।

उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता डा0 उमा शंकर पाण्डेय ने कहा कि देश के लाखों युवा सड़कों पर अपने बेहतर भविष्य की चिन्ता में आन्दोलनरत हैं। इन युवाओं ने सेना में भर्ती होकर देश सेवा के सपने सजों रखे थे, कई सालों तक स्वयं को शारीरिक रूप से सक्षम बनाने हेतु दिन-रात परिश्रम किया था। फिजिकल एवं लिखित परीक्षायें दी थीं और, परीक्षा परिणाम का इन्तजार कर रहे थे। सरकार ने परिणाम निकालने के बजाय सभी परीक्षाओं को निरस्त करते हुए अग्निवीर के माध्यम से भर्ती प्रक्रिया का तुगलकी फरमान जारी कर दिया। इससे लाखों युवा अधिकतम आयु सीमा को पार कर गये और सेना की भर्ती के लिए अयोग्य हो गये। इन युवाओं के समर्थन में कांग्रेस पार्टी ने शांतिप्रिय आन्दोलन का एलान किया था, जिसके अन्तर्गत हजारों कांग्रेस जन सत्याग्रह के पितामह पूज्य बापू महात्मा गांधी जी के स्मारक स्थल गांधी स्मृति जाना चाह रहे थे, लेकिन दिल्ली पुलिस ने बलपूर्वक उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता पाण्डेय ने बताया कि एक तरफ संवैधानिक संस्थाओं के दुरूपयोग से विपक्ष की आवाज का दमन किया जा रहा है। सरकार के कार्यक्रमों से असहमति व्यक्त करने वाले नेताओं अधिकारियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, पत्रकारों, आदि के विरूद्ध फर्जी मुकदमें दर्ज कर उन्हें प्रताड़ित करने का काम किया जा रहा है। देश की जनता की एक मात्र सशक्त आवाज भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं सांसद मा0 श्री राहुल गांधी जी के विरूद्ध ईडी के द्वारा आज पांचवे दिन भी जारी घण्टों की अनावश्यक पूछ-ताछ मोदी सरकार के तानाशाही एवं षड़यंत्रकारी चेहरे को बेनकाब करती है। तमाम ऐसे नेताओं की लंबी फेहरिस्त है जिनके खिलाफ गैर भाजपाई दल में रहने के दौरान ईडी एवं अन्य जांचे चल रहीं थीं, किन्तु भाजपा में जाते ही जांचे समुद्र में विलीन हो गयीं। इसमें प्रमुख रूप से असम के मुख्यमंत्री श्री हेमन्त विश्व शर्मा, मुकुल रॉय, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा, आदि नाम शामिल हैं। देश की जनता मोदी जी की तानाशाही सोच और चंद उद्योगपति मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए देश के भविष्य को बर्बाद करने के खेल को समझ रही है।

उन्होंने कहा कि गिरफ्तार होने वालों में प्रमुख रूप से संगठन प्रभारी एवं सांसद के.सी. वेणुगोपाल, पूर्व केन्द्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद, राज्यसभा सांसद दीपेन्द्र हुड्डा, उत्तर प्रदेश कांग्रेस मीडिया एवं कम्यूनिकेशन विभाग के चेयरमैन नसीमुद्दीन सिद्दीकी, युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.वी. श्रीनिवास, महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष नेटा डिसूजा, एन.एस.यू.आई. के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन, एवं उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश उपाध्यक्ष विश्व विजय सिंह समेत देश भर के तमाम नेतागण शामिल रहे।