स्पोर्ट्स डेस्क
भारत के स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी किदांबी श्रीकांत का विश्व चैंपियन बनने का सपना टूट गया. स्पेन के हुएलवा में हुए बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड चैंपियनशिप के मेंस सिंगल्स के फाइनल में श्रीकांत को सिंगापुर के लोह कीन येव ने 21-14, 22-20 से हराकर खिताब जीत लिया. इस तरह भारत को दूसरा विश्व चैंपियन मिलने से रह गया. हालांकि, इस हार के बावजूद किदांबी ने सिल्वर मेडल जीतकर इतिहास रचा है. वह विश्व चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल हासिल करने वाले पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी बन गए हैं. हालांकि, पीवी सिंधु के बाद भारत का दूसरे विश्व चैंपियन के लिए इंतजार एक साल और बढ़ गया. वहीं वीमेंस सिंगल्स में जापान की अकाने यामागुची ने विश्व नंबर 1 ताइवान की ताई त्जू यिंग को हराकर दूसरी बार खिताब जीत लिया.

श्रीकांत ने मैच की शुरुआत आक्रामक अंदाज में की. 12वीं रैंक स्टार भारतीय खिलाड़ी ने पहले गेम में तेजी से पॉइंट बटोरे और लोह कीन येव को मुकाबले में दूर रखा. पहले गेम के हाफ टाइम तक किदांबी ने 11-7 की बढ़त ले ली थी. फिर ब्रेक के बाद स्थिति तेजी से बदल गई. लोह ने वापसी करते हुए जल्द ही 17-13 की लीड हासिल कर ली. यहां पर किदांबी को फिर पॉइंट मिला, लेकिन वह इसे बरकरार नहीं रख पाए और सिंगापुर के खिलाड़ी ने जबरदस्त प्रदर्शन के दम पर सिर्फ 16 मिनट में 21-15 से गेम अपने नाम कर लिया.

दूसरा गेम शुरुआत से ही ज्यादा टक्कर का रहा. दोनों खिलाड़ियों ने एक-एक कर पॉइंट्स हासिल किए और काफी देर तक बराबरी पर रहे. स्कोर 9-9 की बराबरी पर था और यहीं पर लोह ने लगातार 2 पॉइंट्स हासिल कर 11-9 की बढ़त के साथ ब्रेक लिया. गेम के दूसरे हिस्से में फिर जोरदार टक्कर हुई और मुकाबले में पिछड़ रहे किदांबी ने जोरदार वापसी करते हुए 14-14 की बराबरी की.

जल्द ही 49 शॉट की रैली के साथ 16-14 की बढ़त ले ली. इस गेम में किदांबी ने नेट के सामने अपना मजबूत गेम दिखाया और कुछ अहम पॉइंट्स हासिल किए.

यहां से दोनों खिलाड़ी एक-एक पॉइंट हासिल करते रहे और एक वक्त मुकाबला 18-18 की बराबरी पर था. फिर किदांबी की गलतियों का फायदा उठाकर लोह ने 20-18 की बढ़त ले ली. श्रीकांत ने लगातार दो मैच पॉइंट बचाए, लेकिन आखिरकार लोह ने 22-20 से गेम के साथ मैच भी जीत लिया.

24 साल के लोह का ये पहला विश्व चैंपियनशिप खिताब है. सिंगापुर के इस युवा सितारे ने पहले ही राउंड में विश्व नंबर एक और ओलिंपिक चैंपियन डेनमार्क के विक्टर एक्सेलसन को हराया था. फिर क्वार्टर फाइनल में उन्होंने भारत के एचएस प्रणॉय को शिकस्त दी. सेमीफाइनल में एक बार फिर लोह ने विश्व नंबर 3 डेनमार्क के ही आंद्रेस एंटोनसन को हराया. एंटोनसन और भारत के लक्ष्य सेन ने ब्रॉन्ज मेडल जीते.