नई दिल्ली:
भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह ने रविवार को कहा कि अब महासंघ के साथ जो कुछ भी होगा, वह उनकी चिंता का विषय नहीं है। यह टिप्पणी तब आई जब खेल मंत्रालय ने शनिवार को नवनिर्वाचित निकाय द्वारा उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना अंडर-15 और अंडर-20 नागरिकों की घोषणा करने के बाद अगले आदेश तक महासंघ को निलंबित कर दिया।

21 दिसंबर के चुनाव में महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपी बृजभूषण के करीबी संजय सिंह ने फेडरेशन का चुनाव जीता और प्रमुख बन गये। साक्षी मलिक के संन्यास की घोषणा से विवाद पैदा हो गया और बजरंग पुनिया ने संजय सिंह के चुनाव के विरोध में पद्मश्री लौटाने की घोषणा की।

बृज भूषण ने कहा, “मैंने 12 साल तक काम किया है। समय बताएगा कि मैंने अच्छा किया या बुरा। एक तरह से मैंने कुश्ती से संन्यास ले लिया है यानी खुद को कुश्ती से अलग कर लिया है। अब जो भी करना होगा डब्ल्यूएफआई का नवनिर्वाचित निकाय करेगा। मेरे पास बहुत सारे काम हैं क्योंकि लोकसभा चुनाव भी आ रहे हैं। चाहे डब्ल्यूएफआई को सरकार से बात करनी हो या अदालत में जाना हो – मेरी इसमें कोई भूमिका नहीं है।”

बृजभूषण ने कहा कि महासंघ के नये अध्यक्ष संजय सिंह उनके करीबी तो हैं लेकिन रिश्तेदार नहीं। बृज भूषण ने कहा, “कुश्ती से जुड़ा हर व्यक्ति मेरा करीबी है। नई संस्था ने एक आपातकालीन निर्णय लिया ताकि पहलवानों को एक साल बर्बाद न करना पड़े क्योंकि पिछले 11 महीनों में कोई राष्ट्रीय और राज्य स्तर का आयोजन नहीं हो सका।”