नई दिल्ली:
राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत ने नये संसद भवन की सुरक्षा में सेंध लगाने के आरोप में गिरफ्तार किये गए चार लोगों को बृहस्पतिवार को सात दिन के लिए दिल्ली पुलिस की हिरासत में भेज दिया। पुलिस ने आरोपियों-मनोरंजन डी, सागर शर्मा, अमोल शिंदे और नीलम देवी- को एनआईए (राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण) मामलों की विशेष न्यायाधीश हरदीप कौर की विशेष अदालत में पेश किया।

पुलिस ने अदालत से आरोपियों को 15 दिन की हिरासत में भेजने का अनुरोध किया, ताकि उनसे पूछताछ की जा सके। अदालत ने आरोपियों को सात दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया। आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के अलावा आतंकवाद-रोधी कानून गैर कानूनी गतिविधियां निवारण अधिनियम (यूएपीए) के तहत आरोप लगाए गए हैं।

अदालत में बहस के दौरान अभियोजन पक्ष ने चारों व्यक्तियों पर आतंकवादी कृत्य में शामिल होने का आरोप लगाया और कहा कि उन्होंने डर पैदा करने की कोशिश की। पुलिस ने कहा, ‘‘यह संसद पर सुनियोजित हमला था।’’ दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया कि उसने आरोपियों के खिलाफ आतंकवाद और आतंकवाद की साजिश से संबंधित यूएपीए की धाराएं 16 और 18 जोड़ी हैं।

पुलिस ने कहा, ‘‘उन्हें दर्शक दीर्घा तक ही सीमित रहना था। वे दर्शक दीर्घा से ‘वेल’ में कूद गए, जो घुसपैठ थी। उन्होंने (धुएं की) ‘कैन’ अपने जूतों में छिपाई हुई थी।’’ अभियोजन पक्ष ने कहा कि घटना के पीछे के असल मकसद को सामने लाने और यह पता लगाने के लिए कि क्या कुछ अन्य लोग भी शामिल थे, आरोपियों की हिरासत में पूछताछ आवश्यक है।