लखनऊ: जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में बुरी तरह मात खाने वाले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि जिला पंचायत अध्यक्षों के चुनाव में आज सत्तारूढ़ दल ने सभी लोकतांत्रिक मान्यताओं का तिरस्कार करते हुए स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव को एक मजाक बना दिया है। सत्ता का ऐसा बदरंग चेहरा कभी नहीं देखा गया। भाजपा ने अपनी हार को जीत में बदलने के लिए मतदाताओं के अपहरण, उनको मतदान से रोकने के लिए पुलिस और प्रशासन के सहारे बल प्रयोग किया और जबर्दस्ती हेल्पर देकर अपने पक्ष में मतदान करा लिया। भाजपा की धांधली का विरोध करने पर समाजवादी कार्यकर्ताओं से दुर्व्यवहार किया गया। ऐसा लग रहा था जैसे जनादेश के अपहरण के किए भाजपा सरकार नंगा नाच करने पर उतारू है।

प्रशासनिक अधिकारियों की मिली भगत
अखिलेश ने कहा कि यह अजीब बात है कि जहां जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में ज्यादातर परिणाम समाजवादी पार्टी के पक्ष में आए थे और भाजपा की बुरी हार हुई थी वहीं अब जिला पंचायत अध्यक्षों के चुनाव में भाजपा सत्ता के बल पर धांधली करके बहुमत में आ गई है। इसमें प्रशासनिक अधिकारियों की मिली भगत भी सामने आई है। प्रशासनिक अधिकारियों को याद रखना चाहिए कि सेवा नियमावली का उल्लंघन करते हुए सत्ता दल के पक्ष में संदिग्ध गतिविधियों में संलिप्त पाए जाने पर उनके विरूद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी।

राज्य निर्वाचन आयुक्त खामोश
अखिलेश ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयुक्त पंचायती राज को ज्ञापन देने के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं की गई। उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्षों के चुनाव में सत्ता दल की तानाशाही मुखर रूप में दिखाई दी। राजधानी लखनऊ में समाजवादी पार्टी समर्थक पंचायत सदस्य अरुण रावत का अपहरण कर लिया गया। डी.एम. कार्यालय में समाजवादी पार्टी की अध्यक्ष पद की प्रत्याशी विजय लक्ष्मी को बिठा लिया गया और उनके पति विधायक अंबरीष पुष्कर को उनसे मिलने से भी रोका गया। समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं और महिलाओं के विरोध पर उनसे अभद्रता की गई।

धांधलियों का आरोप
सपा मुखिया ने आरोप लगाया कि जनपद प्रयागराज के अध्यक्ष पद के चुनाव में मतदान केन्द्र पर भारतीय जनता पार्टी के लोगों ने इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस लगाकर मतदान की गोपनीयता भंग की। जनपद फिरोजाबाद में कोर्ट के आदेश के बावजूद 6 मतदाता रोके गए। आज भाजपा के पक्ष में मतदान के लिए पढ़े लिखे पंचायत सदस्यों को भी मतदान के समय जबरन हेल्पर दिए गए। फर्रुखाबाद में 3 मतदाता जो एम.ए. पास हैं उन्हें भी प्रशासन ने भाजपाई हेल्पर देकर अपने पक्ष में मतदान कराया। अलीगढ़ में 9 सदस्यों को समाजवादी पार्टी के विरोध के बावजूद सहायक हेल्पर दिए गए। शामली में जबरन 8 हेल्पर लगा दिए गए। जनपद रामपुर में समाजवादी पार्टी के दो पंचायत सदस्यों का रास्ते से पुलिस ने अपहरण कर लिया और हेल्पर देकर समाजवादी पार्टी के सदस्यों का जबरन वोट भाजपा के पक्ष में डलवाया गया। जनपद अमेठी के चुनाव में कुल 36 वार्डों में 4 ही जिला पंचायत सदस्य निरक्षर थे जबकि 7 हेल्पर लगा दिए गए।

धमकाने का इलज़ाम
अखिलेश ने आरोप लगाया कि कलेक्ट्रेट के मुख्य द्वार पर पंचायत सदस्यों को रोक कर धमकाया गया। मतदान बूथ से समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी शीलम सिंह को भी बाहर कर दिया गया। कन्नौज में समाजवादी पार्टी के जिला पंचायत सदस्यों के विरुद्ध फर्जी मुकदमें लगाए गए। सत्ता पक्ष के लिए हेल्पर लगाकर मतदान करने का दबाव बनाया गया। हमीरपुर में प्रत्याशी दुष्यंत सिंह को धक्का मार कर बाहर कर दिया गया। भाजपा विधायक मनीष बूथ के अंदर बने रहे। सोनभद्र में समाजवादी पार्टी के जिला पंचायत सदस्यों को पुलिस-भाजपा के दबंगों ने रास्ते से उठाकर भाजपा के पक्ष में वोट दिलाने का प्रयास किया। औरैया में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी रवि दोहरे को डी.एम. ने कमरे में बंद कर दिया। यह सरासर लोकतंत्र की हत्या है।

जनता देगी जवाब
अखिलेश ने कहा कि भाजपा ने आज जो धांधली जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में की है उसका जवाब अब सन् 2022 में जनता देने को तैयार बैठी है। समाजवादी पार्टी की सरकार बनने पर ही लोकतंत्र बहाल होगा और तभी जनता के साथ न्याय होगा।