बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद देशभर में बॉलीवुड में नेपोटिज्‍म को लेकर आक्रोश है। वहीं, नेपोटिज्‍म पर अभिनेत्री कंगाना रानौत शुरू से आवाज उठाती रह हैं। इसी बीच भोजपुरी इंडस्‍ट्री की पॉपुलर अदाकारा और सिंगर अक्षरा सिंह ने भी नेपोटिज्‍म पर अपनी आवाज मुखर की है। अक्षरा ने माना है कि हर जगह नेपोटिज्‍म है, लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि गैर फिल्‍मी बैकग्राउंड से आने वाले प्रतिभाशाली लोगों की अनदेखी हो।

उन्‍होंने कहा कि जिसके माता –पिता जिस भी क्षेत्र में होते हैं, वे चाहते हैं कि उनका बच्‍चा उसी क्षेत्र में कदम रखे। वैसे भी बॉलीवुड इंडस्‍ट्री में है। इन सबके बावजूद भी कई लोग गैर फिल्‍मी पृष्‍ठभूमि से आये और अपनी प्रतिभा की छाप छोड़ गए। इनमें शत्रुध्‍न सिन्‍हा, मनोज वाजपेयी, सुशांत सिंह राजपूत, पंकज त्रिपाठी, संजय मिश्रा व अन्‍य कलाकार हैं। मेरे ख्‍याल से हर जगह प्रतिभा को सम्‍मान मिलना चाहिए और उसे आगे बढ़ने देना चाहिए।

अक्षरा ने कहा कि स्‍टार किड्स को जिस तरह का मौका और प्‍लेटफॉर्म आसानी से दिया जाता है, मेरे ख्‍याल से हम सभी कलाकारों को जो एक्‍टर बनने के लिए जाते हैं और प्रतिभाशाली हैं, उन्‍हें भी मौका मिलना चाहिए। साथ ही उसी प्रक्रिया से स्‍टार किड्स को गुजरना चाहिए। उन्‍हें भी ऑडिशन की प्रक्रिया से गुजरना चाहिए। उन्‍होंने नेपोटिज्‍म से ज्‍यादा ग्रुपिज्‍म को खतरनाक बताया और कहा कि इसका शिकार हर कला‍कार से लेकर छेटे तकनिशयन तक हैं।