“इंसानियत का पैगाम इंसानों के नाम”, बाराबंकी में सेमिनार का आयोजन

महादेवा, बाराबंकी: (फ़हीम सिद्दीक़ी)
धार्मिक एकता और मानवता के मिशन को समर्पित संस्था कमर फाउंडेशन, उत्तर प्रदेश के तत्वाधान में मदरसा मेराज उल उलूम, महादेवा, बाराबंकी में आयोजित सेमिनार में सांप्रदायिकता को समाप्त करने का लिया गया संकल्प ।

उक्त सेमिनार को सम्बोधित करते हुए संस्था के संस्थापक मौलाना मेराज क़मर ने कहा कि मुसलमानों के मतानुसार इस धरती पर सबसे पहले आने वाले आदम और हव्वा हैं, इसी क्रम में हिंदुओं के अनुसार सर्वप्रथम आने वाले शंकर और पार्वती हैं दुनिया के तमाम विद्वान इस बात पर सहमत हैं कि इंसान इंसान की ही औलाद है। सभी ने डार्विन के फलसफे को नकार दिया यह इस बात का प्रमाण है कि पूरे संसार की मानव जाति एक माता-पिता की संतान है। लाखों मिसालें इस बात की मिल जाएंगी कि हिंदू का दुख देखकर मुसलमान और मुसलमान का दुख देखकर सिख सिख का दर्द महसूस करके ईसाई सब एक दूसरे के लिए तड़प जाया करते हैं जिसे देखकर देखने वाले कहते हैं कि इतना तो सगे भी नहीं करते यह मानवता का वह जज्बा है जो इंसानों को अन्य जीवों से सर्वोपरि बनाता है। उन्होंने आवाम से अपील की कि अपने-अपने धर्म का पालन करते हुए मानवता के प्रहरी बने। नफरत को नफरत से झगड़े को झगड़े से समाप्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि प्रेम की डोर से नफरत की तलवार को काट दिया जाए वरना यह मुल्क टूट जाएगा।

वरिष्ठ संस्कृत अध्यापक रूद्र प्रसाद त्रिपाठी ने बढ़ती हुई सांप्रदायिक घृणा पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि मैं हिंदू हूं मगर पवित्र कुरान को ससम्मान पढ़कर उससे मार्गदर्शन प्राप्त करता हूं। धर्म, जात और पंथ हमारी पहचान का माध्यम है परंतु आज कुछ चरमपंथी स्वार्थी लोगों ने अपनी गंदी राजनीति के लिए धर्म को धंधा बना लिया है। ऐसे में हर देश प्रेमी का कर्तव्य है कि वह मानवता की रक्षा और देश की अखंडता के लिए एकजुट होकर नफरत के बदले प्यार देकर इस समस्या के समाधान में अपना योगदान दें। श्री त्रिपाठी ने मौलाना मेराज अहमद कमर और कमर फाउंडेशन के सदस्यों की जमकर सराहना की उन्होंने कहा कि कटुता के इस दौर में जिस मिशन को लेकर कमर फाउंडेशन आगे बढ़ा है उसके विस्तार में समस्त देशवासियों को सहयोग करना चाहिए। सेमिनार की अध्यक्षता अजय कुमार तिवारी प्रधान ग्राम पंचायत, लोधौरा ने की एवं संचालन मौलाना रईस अहमद कासमी ने किया।

बुजुर्ग साहित्यकार एवं जमात ए इस्लामी हिंद के सदस्य हाफिज अब्दुल हई ने नफरत के खात्में पर बल देते हुए कहा कि हमारे लिए कुरान और मोहम्मद (स0अ0) की सीरत रहनुमाई के लिए मौजूद है। उससे हमें मार्गदर्शन प्राप्त कर मानव सेवा के माध्यम से नफरत को खत्म करना चाहिए क्योंकि दुनिया के सभी मनुष्य एक दूसरे के भाई हैं।

जमीअत उलमा ए हिंद बाराबंकी के उपाध्यक्ष मोहम्मद शाकिर बहलीम ने अपने संबोधन में कहा कि हिंदुस्तान इस संसार में एकमात्र ऐसा देश है जहां कई धर्मों संस्कृतियों और भाषाओं के बोलने वाले लोग वास करते है और हमेशा मिलजुल कर रहते आए हैं। यह वह गुलदस्ता है जोश संसार के नक्शे पर दूसरा नहीं है इसी को दृष्टि में रखकर अल्लामा इकबाल ने कहा था कि “सारे जहां से अच्छा हिंदुस्ता हमारा”।

कुरान की तिलावत से आरंभ होने वाले सेमिनार में सर्वप्रथम दिवंगत चीफ आफ स्टाफ आर्मी जनरल बिपिन रावत जी को 2 मिनट मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई।

इस अवसर पर डॉक्टर बृजेश शुक्ला, मास्टर मोहम्मद इब्राहिम, सतीश कुमार यादव बीडीसी, मास्टर इसरार अहमद खान, अवधेश कुमार मिश्रा, मोहम्मद आसिफ ख़ान, मनोज कुमार वर्मा, बीडीसी, पत्रकार जावेद अख्तर, हाफिज़ आशिक अली, कामरान उमर एवं समस्त स्टाफ मदरसा मेराज उल उलूम महादेवा के अतिरिक्त भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे। सभी ने कमर फाउंडेशन के संस्थापक मौलाना मेराज अहमद कमर की सराहना की, अंत में मौलाना रईस अहमद कासमी ने सेमिनार में आए हुए मेहमानों एवं अवाम का शुक्रिया अदा किया।